पाकिस्तान में फिर संघर्ष : लड़ाकों को टीटीपी ने पाकिस्तान भर में हमले के आदेश दिए

टीटीपी ने पाक सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौता निरस्त कर दिया है। सैन्य संगठनों द्वारा किए जा रहे लगातार हमलों के बाद यह निर्णय लिया गया।

पाकिस्तान में फिर संघर्ष : लड़ाकों को टीटीपी ने पाकिस्तान भर में हमले के आदेश दिए

इस्लामाबाद, जनजागरुकता डेस्क। पाकिस्तान में फिर संघर्ष शुरू हो गया है। टीटीपी ने अपने लड़ाकों को पाकिस्तान भर में हमले के आदेश दिए हैं। उग्रवादी संगठन ने अपने बयान में कहा, विभिन्न इलाकों में सैन्य अभियान मुजाहिदीन (उग्रवादियों) के खिलाफ चलाया जा रहा है, इसलिए आपके लिए यह बाध्यकारी हो जाता है कि आप देशभर में जहां भी हो सके वहां हमला करें।'' 

एक रिपोर्ट के अनुसार यह स्थिति इसलिए बन रही है कि पाकिस्तान में प्रतिबंधित खूंखार संगठन टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) ने सोमवार को पाकिस्तान सरकार के साथ गत जून में किए अनिश्चितकालीन संघर्षविराम समझौते को निरस्त कर दिया है।

इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के 17 साल बाद पाकिस्तान पहुंचने के एक दिन बाद यह बयान जारी किया गया, जबकि सेना प्रमुख जनरल बाजवा मंगलवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

सैन्य संगठनों द्वारा लगातार हमलों के बाद लिया निर्णय

बता दें कि, टीटीपी का गठन विभिन्न उग्रवादी संगठनों के एक संयुक्त समूह के रूप में वर्ष 2007 में किया गया था। प्रतिबंधित समूह ने कहा कि, समझौता रद्द करने का फैसला खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू और लक्की मारवत इलाके में सैन्य संगठनों द्वारा किये जा रहे लगातार हमलों के बाद लिया गया। 

..इसलिए हमारा जवाबी हमला देशभर में शुरू होगा

बयान में कहा गया कि इसने कई बार लोगों को संघर्ष विराम के उल्लंघन के प्रति आगाह किया, लेकिन फिर भी धैर्य दिखा ताकि बातचीत की प्रक्रिया कम से कम उसके द्वारा बाधित ना हो। बयान में कहा गया कि, ''सेना और खुफिया एजेंसियों ने लगातार किए जा रहे हमलों को बंद नहीं किया। अब हमारा जवाबी हमला देशभर में शुरू होगा।''

सरकार ने नहीं दिया कोई बयान

पाक में लड़ाकू संगठन के बयान पर अभी सरकार और खुफिया एजेंसियों की ओर से काई बयान नहीं आया है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार की मदद से टीटीपी के साथ वार्ता शुरू की थी, लेकिन कोई प्रगति नहीं हो सकी थी। 

मलाला पर किया गया था हमला

गौरतलब है कि, वर्ष 2012 में मलाला यूसुफजई पर टीटीपी ने हमला किया था जिसके कारण गोली लगने से वह घायल हो गई थी और उन्हें पहले पेशावर स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में इलाज के लिए लंदन ले जाया गया था। टीटीपी ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि, मलाला पश्चिमी सोच वाली लड़की थी। मलाला को बाद में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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