जिला प्रशासन ने रोका बाल विवाह, माता-पिता को दी गई समझाईस
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है।
जांजगीर-चांपा, जनजागरुकता। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से एक नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी अनीता अग्रवाल एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता के मार्गदर्शन में पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम परसाहीबाना में बालिका के घर जाकर बालिका के उम्र सत्यापन के लिए अंकसूची जांच की गई। जिसमें बालिका की जन्म उम्र 16 वर्ष 02 माह होना पाया गया। जिसका विवाह 22 अप्रैल 2023 अक्षय तृतीया को निर्धारित था।
बालिका के माता-पिता एवं उसके परिवार को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझाईस के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका का विवाह रोका गया है। दल में जिला बाल संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई गजेंद्र सिह जायसवाल, परियोजना अधिकारी परियोजना अकलतरा रवि शर्मा, पर्यवेक्षक मधुलिका साहु, प्रमिला बर्मन, आगनबाड़ी कार्यकर्ता भगवती रत्नाकर शामिल थे। पुलिस विभाग से थाना प्रभारी थाना अकलतरा का विशेष सहयोग रहा।
विवाह के लिए लड़की की 18 वर्ष व लड़के की 21 वर्ष निर्धारित है
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।