नौकरी के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश
4-5 हजार रुपये लेकर दसवीं, बारहवीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वाले 4 लोगों को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस ने पकड़ा है।
मुंबई, जनजागरुकता डेस्क। दसवीं, बारहवीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वाले 4 लोगों को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस ने पकड़ा है। ये लोग 4-5 हजार रुपये लेकर आसानी से 10 -12 कक्षा के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर दे देते है। ऐसे ही एक रैकेट का खुलासा मुंबई पुलिस ने किया है।
नौकरी की लालच में फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने में नहीं चुकते
खाड़ी देशों में नौकरी करने के लिए देश के युवा लालायित रहते है। इस जुगाड़ में लगे रहते है कि किसी तरह खाड़ी देश पहुंच जाए। इसके लिए बेरोजगार युवा कुछ भी करने को तैयार रहते है। चाहे वह फर्जी पासपोर्ट बनवाने की बात हो या फिर दसवीं, बारहवीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने की। ये लोग जरा भी नहीं हिचकते है। इसके लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने वाले गिरोह के सदस्यों का सहारा लेते है। मुंह मांगी पैसे देकर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने में बाज नहीं आते है।
कंप्यूटर और प्रिंटर भी जब्त
मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस ग्राहक बनकर आरोपी के पास पहुंचे और फर्जी प्रमाण पत्र मांगा। सौदा करने वाले दो लोगों को हिरासत में ले लिया। आरोपी ने फर्जी सर्टिफिकेट देने की बात कबूल की है। प्रमाण पत्र बनाने वाले कंप्यूटर और प्रिंटर के साथ दो और संदिग्धों को हिरासत में लिया।
प्राथमिकी दर्ज की गई
आरसीएफ पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने चार आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया, जिनकी पहचान अनीस खान, 26, राजासाहेब चौधरी, 26, मोहम्मद शेख, 21 और सलमान खान, 31 के रूप में हुई है। एक अधिकारी ने कहा कि कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारी खाड़ी देशों में स्थित, जिन्हें कक्षा X या XII पास की न्यूनतम योग्यता की आवश्यकता है, अभियुक्तों से संपर्क करेंगे। आरोपियों ने तीन से पांच हजार रुपये तक वसूले।