गुम इंसानों को खोजकर 34 परिवारों की खुशियां लौटाईं गरियाबंद पुलिस ने

गुम इंसानों को खोजकर 34 परिवारों की  खुशियां लौटाईं गरियाबंद पुलिस ने

ऑपरेशन मुस्कान के तहत एक माह के भीतर पुलिस ने जिले भर में

34 परिवारों की गुम इंसानों को खोजकर उनकी खोई हुईं खुशियां

लौटाई जिसमें देवभोग थाने के सर्वाधिक 12 मामले हैं

देवभोग, जनजागरुकता। ऑपरेशन मुस्कान के तहत एक माह के भीतर पुलिस ने जिले भर में 34 परिवारों की गुम इंसानों को खोजकर उनकी खोई हुईं खुशियां लौटाई जिसमें देवभोग थाने के सर्वाधिक 12 मामले हैं। एसपी जेआर ठाकुर ने कहा कि  सूझबूझ के साथ संवेदना भी पुलिस की पहचान है, तब जाकर लौटी हैं इन परिवारों की  खुशियां, अभियान आगे भी जारी रहेगा।

गुम इंसान के मामले तेजी से बढ़ रहे थे इसी बीच एसपी जेआर ठाकुर ने अफसर व थाना प्रभारियों के अलावा विवेचकों की बैठक लेकर ऑपरेशन मुस्कान में तेजी लाने की ठानी। एसपी ने लक्ष्य के साथ कई कारगर सुझाव भी दिए। एसपी की टिप्स से अब इन परिवारों में खुशियां लौट आई हैं। मातहतों की मेहनत के बाद आई रिपोर्ट को एसपी ने मीडिया से साझा करते हुए बताया कि सितंबर माह में इन 25 दिनों में पुलिस ने 34 परिवारों की मुस्कान लौटाई है।

मुस्कान की सफलता सबसे ज्यादा देवभोग थाने में दिखी जहां 25 दिनों में 12 परिवारों की खुशियां लौटाई गई हैं। एसपी जे आर ठाकुर ने अभियान की सफलता के लिए पूरी टीम की पीठ थपथपायी है। एसपी ने कहा कि ऐसे केसेस में पुलिस को सूझबूझ,कड़ी मेहनत, के साथ साथ संवेदनशीलता दिखानी पड़ती है, तब जाकर हम परिवार की खुशियां लौटा पाते हैं। एसपी ने पालकों को परिवार व बढ़ते बच्चों पर विशेष ध्यान देने की भी अपील की क्योंकि परिवार का सदस्य घर छोड़कर तभी जाता है जब उसकी कोई सुन नहीं रहा हो। छोटे छोटे घरेलू विवादों को भी आपस मे जल्द सुलझा लेने की नसीहत भी उन्होंने दी ताकि घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

पुलिस के इस अभियान में एडिशनल एसपी चन्द्रेसिंह ठाकुर, एसडीओपी गरियाबंद पुष्पेन्द्र नायक, एसडीओपी मैनपुर अनुज गुप्ता अपने अपने क्षेत्र के थाना प्रभारियों की सतत मॉनीटरिंग करते रहे।

पति से नाराज पत्नी को वापस आने थानेदार को देने पड़े पैसे- ऑपरेशन मुस्कान में सर्वाधिक 12 केस सॉल्व करने वाले देवभोग थाना प्रभारी बोधन लाल साहू ने बताया की कप्तान से मिले निर्देश व हल करने के लिए बताये गए रास्ते से ही मुस्कान लौटाना सम्भव हो सका है।जामगांव वापस लौटी एक नाराज पत्नी का किस्सा बताते हुए थाना प्रभारी ने बताया कि छोटी विबाद के चलते दो मासूम बच्चों को छोड़ कर पत्नी 700 कीमि दूर हैदराबाद भाग गई।कुछ दिनों तक चॉकलेट फेक्ट्री में काम कर रही थी।पर गुमशुदगी की भनक लगते ही कम्पनी ने महिला को काम से निकाल दिया।किसी तरह पत्नी ने अपने माँ से कॉल किया।इसी कोल के आधार पर पुलिस नाराज पत्नी से सम्पर्क कर सकी।वापसी आने के लिए थाना प्रभारी ने 7 हजार खाते में दिए तब जाकर लौटी।प्रभारी ने कहा कि इसी तरह कई मामले में सवेदनशीलता दिखानी पड़ी तब जाकर सफलता मिली।

अभी गुमशुदगी के 22 मामले और- अकेले देवभोग थाने में गुमशुदगी के 22 मामले शेष बचे है,जिसमे से 2 मामले नाबालिग के होने के कारण अपहरण के मामले दर्ज किए गए है।थाना प्रभारी ने कहा कि उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में मामले की पता साजी जारी है।आपको बता दे कि शेष गुमशुदगी के ज्यादातर मामले आपसी रजामंदी के है,जिसमे बालिग बेटियां परिवार के सहमति बगैर घर छोड़ के चले गए है।लगातार वापसी के लिए कोशिस जारी है।