High Court : संविदा पर काम कर रहे लोगों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा
यदि प्रार्थी विभाग के फैसले से असंतुष्ट हैं, तो वे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, जिससे संबंधित 69 याचिकाएं निष्पादित की गई हैं।
रांची, जनजागरुकता डेस्क। झारखंड हाईकोर्ट ने जस्टिस डॉ. एसएन पाठक के नेतृत्व में आयोजित अदालत में राज्य के विभिन्न विभागों में 10 वर्षों से अधिक समय से संविदा कर्मचारियों की सेवा को नियमितीकरण करने का आदेश जारी किया है। फैसले में यह भी कहा गया है कि प्रार्थी संबंधित विभागों में आवेदन करेंगे और इस मामले में निर्णय लेने के लिए विभिन्न विभागों में एक कमेटी गठित की जाएगी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में नियमितीकरण नियमों के तहत निर्णय लिया जाए।
हाईकोर्ट ने किया 69 याचिकाएं निष्पादित
प्रार्थियों के आवेदनों पर सरकार को चार महीने के भीतर निर्णय लेना होगा और उन्हें इसकी सूचना देना होगा। यदि विभागीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है, तो विभागीय सचिव मामले को मुख्य सचिव के पास भेजेगा, जो फिर एक विशेषज्ञों की कमीटी बनाएगा और चार महीने के अंदर निर्णय लेगी। यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की दिशा में निर्णय लेगी। यदि प्रार्थी विभाग के फैसले से असंतुष्ट हैं, तो वे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, जिससे संबंधित 69 याचिकाएं निष्पादित की गई हैं।
अदालत ने मौखिक रूप से उजागर किया कि राज्य में अस्थाई या संविदा पर काम करने वाले कर्मियों की स्थिति दयनीय है, और सरकार को इस प्रकार के मामलों में शीघ्र निर्णय लेना चाहिए। अदालत ने सेवा नियमितीकरण से जुड़ी लगभग 69 याचिकाओं को एक सूची में जोड़कर सुनवाई की। पिछले दिनों सभी पक्षों की सुनवाई के बाद, अदालत ने अपना निर्णय सोमवार को सुनाया। पहले से ही राज्य सरकार के विभिन्न संस्थाओं में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों ने सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।