हाई कोर्ट का फैसला- चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण में 36 करोड़ देने पर रोक
सितंबर 2021 में राज्य सरकार ने अधिग्रहण का फैसला लिया था। रूंगटा ग्रुप की याचिका पर राशि जारी करने पर रोक लगा दी गई।
बिलासपुर, जनजागरुकता। दुर्ग जिले के भिलाई स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के मामले में हाई कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। रूंगटा ग्रुप की याचिका पर हाई कोर्ट ने अधिग्रहण के एवज में कॉलेज प्रबंधन को 36 करोड़ रुपए देने पर रोक लगा दी है। साथ ही इस रकम को फिक्स डिपॉजिट करने के आदेश दिए हैं।
ऐसे में कहा जाए राज्य सरकार के फैसले पर ग्रहण लग गया है। सरकार को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि राज्य सरकार के अधिग्रहण के फैसले से 3 साल पहले मेडिकल कॉलेज की बिक्री के लिए रूंगटा ग्रुप के साथ एग्रीमेंट किया गया था। रूंगटा ग्रुप से इसके एवज में 36 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने सितंबर 2021 को चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण का निर्णय लिया। अधिग्रहण के प्रावधान के तहत चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की सारी संपत्ति पर राज्य सरकार का अधिकार होगा।
रूंगटा ग्रुप ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी
नियम च 4 और 5 के तहत कॉलेज की खरीदी-बिक्री को लेकर पूर्व में किए गए एग्रीमेंट स्वमेव समाप्त माने जाएंगे। अधिग्रहण के फैसले के बाद भिलाई के रूंगटा ग्रुप ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की, इसमें राज्य शासन और चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को पक्षकार बनाया गया।
रूंगटा ग्रुप ने कॉलेज प्रबंधन को दी थी राशि
प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि राज्य सरकार के अधिग्रहण के फैसले से पहले वर्ष 2018 में कॉलेज प्रबंधन और रूंगटा ग्रुप के बीच एग्रीमेंट हुआ था, इसके तहत मेडिकल कॉलेज को रूंगटा ग्रुप खरीदने वाला था। प्रबंधन को इसके एवज में दो किस्तों में 36 करोड़ रुपए दिए गए थे। चूंकि अब राज्य सरकार ने अधिग्रहण का निर्णय लिया है, लिहाजा उन्हें 36 करोड़ रुपए वापस मिलने चाहिए।
रकम फिक्स डिपाजिट करने का आदेश
हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका पर अंतिम फैसले तक चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को भुगतान करते समय 36 करोड़ रुपए की अदायगी पर रोक लगा दी है। साथ ही इस रकम को फिक्स डिपाजिट करने को कहा गया है। 25 अप्रैल को अंतिम सुनवाई होगी।
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