युवती का निर्वस्त्र शव मिला, आदिवासी समुदाय के लोगों ने जताया नाराजगी..

समाज के प्रमुखों ने बयान जारी करते हुए कहा है कि अपराधी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए क्योंकि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है, लेकिन जांच में यह मामला दब सा गया है।

युवती का निर्वस्त्र शव मिला, आदिवासी समुदाय के लोगों ने जताया नाराजगी..
Naked body of girl found, people of tribal community expressed displeasure

बस्तर, जनजागरुकता। बस्तर (Bastar) जिले के करपापवंड थाना क्षेत्र के अंतर्गत मरेठा पंचायत में मंगलवार को एक युवती का निर्वस्त्र शव मिलने की घटना अब तूल पकड़ने लगी है। आदिवासी समाज इस मामले की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए लगातार मरेठा में पीड़ित परिवार के साथ बैठकें कर रहा है। समाज की ओर से असंतोष जताए जाने के बाद ऐसा लगता है कि यह मामला जल्द ही बड़ा रूप ले सकता है। समाज के प्रमुखों ने बयान जारी करते हुए कहा है कि अपराधी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए क्योंकि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है, लेकिन जांच में यह मामला दब सा गया है।

भतरा समाज के प्रमुखों ने बताया कि पीड़ित परिवार इस जांच से संतुष्ट नहीं है और जांच अधिकारी पर संदेह जता रहा है। हालांकि यह जांच जगदलपुर एसडीओपी और बस्तर थाना प्रभारी की मौजूदगी में की गई थी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि घटनास्थल पर मौजूद सबूतों के बावजूद पीड़ित परिवार द्वारा बताए गए तथ्यों को जांच में शामिल नहीं किया गया। परिवार ने यह भी बताया कि घटना में कई लोग शामिल हो सकते हैं क्योंकि शव मिलने के स्थान पर युवती के पैरों में रस्सी के निशान थे और वह पूरी तरह निर्वस्त्र थी।

ग्रामीणों के अनुसार, शनिवार रात को गणेश मंडली में युवती को देखा गया था और उसके बाद मंगलवार को घर के पास उसका शव मिला। इस घटना के बाद से ग्रामीणों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, लेकिन जांच अधिकारी ने परिवार और पत्रकारों को संतोषजनक जवाब नहीं दिए। प्रेस विज्ञप्ति में भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। अपराधी को दंतेवाड़ा से गिरफ्तार कर करपापवंड थाना लाया गया था, लेकिन रात को आरोपी को परिजनों से मिलवाने के लिए पुलिस उसे मरेठा ले गई। इस पर जनप्रतिनिधियों ने भी सवाल उठाया कि रात 10:15 बजे आरोपी को किससे मिलाने के लिए लाया गया, लेकिन एसडीओपी और थाना प्रभारी ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, जिससे संदेह और बढ़ गया।

कल आदिवासी समुदाय के संरक्षक पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम, दशरथ कश्यप, दयानाथ और अर्जुन कश्यप समेत कई वरिष्ठ आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों ने इस मामले की पुनः जांच और कार्रवाई की रणनीति बनाई। समाज प्रमुखों ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी पर भी सवाल उठने लगे हैं।

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