प्लांट कहीं लगाया जा रहा, सुनवाई कहीं और- कड़े विरोध में ग्रामीण, जनसुनवाई पर विधायक ने उठाया सवाल

बलौदाबाजार जिले के सिमगा तहसील अंतर्गत ग्राम केसदा में प्लांट लगाया जाना है, मगर इसकी सुनवाई दूसरे गांव में की जा रही है।

प्लांट कहीं लगाया जा रहा, सुनवाई कहीं और- कड़े विरोध में ग्रामीण, जनसुनवाई पर विधायक ने उठाया सवाल

बलौदाबाजार, जनजागरुकता। जिले के सिमगा तहसील अंतर्गत ग्राम केसदा में लगने वाले मेसर्स स्वदेश मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड संयंत्र के खिलाफ में ग्रामीण अब सड़क पर उतर आए हैं। प्लांट लगाने का तेजी से विरोध होने लगा है। इसमें जनप्रतिनिधि भी सामने आ रहे हैं। यहां ग्रामीण इस बात से भी अधिक नाराज हैं कि प्लांट कहीं लगाया जा रहा और सुनवाई कहीं और की जा रही है।

केसदा, रिंगनी सहित प्रभावित गांव के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में जनसुनवाई हुई। प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने जनसुनवाई में प्लांट लगाने का कड़ा विरोध किया। उनका कहना है कि प्लांट कहीं लगाया जा रहा है और सुनवाई किसी और जगह की जा रही है। इस बात पर विधायक शिवरतन शर्मा ने भी सवाल उठाया है।

...ये कैसी जनसुनवाई

मामले में नेवधा पंचायत के उपसरपंच लिलि वर्मा सहित अन्य पंचों ने आरोप लगाया है कि हमारे गांव में जनसुनवाई हो रही है और इसकी जानकारी न ही पंचायत को है और न ग्रामीणों को। एक तरफ जनप्रतिधियों के साथ नेवधा व अन्य गांव के लोग विरोध करते रहे वहीं ग्राम केसदा के कुछ ग्रामीण उद्योग के समर्थन में थे। समर्थन करने वाले ग्रामीणों का कहना था कि प्लांट लगने से रोजगार मिलेगा साथ ही गांव का विकास भी होगा। 

एनओसी खारिज कर दिया गया

मामले पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने जनसुनवाई के औचित्य पर ही सवाल उठाया है। उनका कहना है कि केसदा के ग्रामसभा में पूर्व में दी गई एनओसी को खारिज कर दिया गया है। ऐसे में जनसुनवाई का कोई औचित्य नहीं है।

दूसरे गांव में सुनवाई क्यों- विधायक शिवरतन

वहीं जनसुनवाई में पहुंचे विधायक शिवरतन शर्मा ने भी प्लांट लगाने का विरोध किया।कहा- कि सीएम भूपेश बघेल के बयान के अनुसार जनसुनवाई के पहले ग्रामसभा होनी चाहिए। जब यह उद्योग केसदा में लगना है, तो जनसुनवाई नेवधा में क्यों की जा रही है? विधायक ने कहा कि उद्योग लगने के पहले उद्योगपति मीठी-मीठी बात कर ग्रामीणों को विश्वास में ले लेते हैं। वहीं उद्योग लगने के बाद स्थानीय युवाओं को रोजगार से वंचित कर दिया जाता है। इसका उदाहरण अपोलो फैक्ट्री है। janjaagrukta.com