जनजागरूकता खास खबरः सबसे कम उम्र का वैज्ञानिक हमारा पीयूष दिल्ली में सम्मानित, ब्रह्मण्ड पर किताब लिखकर चौंका चुका है
पीयूष ने पहले ब्रह्माण्ड पर किताब लिखकर चौकाया, फिर 13 साल की उम्र में वेग रहस्य पर शोध कर जूनियर साइंटिस्ट का खिताब भी हासिल कर लिया।
नई दिल्ली/गरियाबंद, जनजागरूकता। हमारे प्रदेश के सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक डॉक्टर पीयूष जायसवाल को अखिल भारतीय कलवार कलार महासभा ने अपने राष्ट्रीय महासम्मेलन में सम्मानित किया। पीयूष ने पहले ब्रह्माण्ड पर किताब लिखकर चौकाया, फिर 13 साल की उम्र में वेग रहस्य पर शोध कर जूनियर साइंटिस्ट का खिताब भी हासिल कर लिया। उसने वेलोसिटी मिस्ट्री की किताब लिख 4 माह पहले इंडिया बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है। किताब का विमोचन कराने अब भी परिवार को सीएम का इंतजार है।
इंटरनेशनल जनरल्स ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान ने देवभोग डीएव्ही मूँगझर पब्लिक स्कूल के 9वीं के जिस छात्र को मार्च माह में जूनियर साइंटिस्ट की उपाधि दी थी, उसी पीयूष को रविवार को अखिल भारतीय कलवार कलार महासभा ने दिल्ली में आयोजित समाज के राष्ट्रीय महासम्मेलन में सम्मानित किया। बिहार व उत्तर प्रदेश के कई बड़े राजनेताओं के हाथों पीयूष जायसवाल का सम्मान किया गया।
वाशिंगटन डीसी के आईजी ने दिया सर्टिफिकेट
आपको बता दें कि पीयूष ने कक्षा 7वीं में पढ़ते हुए 13 वर्ष की उम्र में 2019 में ब्रह्माण्ड पर किताब लिखी थी, फिर 2021 में उसने वेग रहस्य पर शोध कर अल्बर्ट आइंस्टाइन के बाद सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक बनने का गौरव हासिल किया था। पीयूष ने कक्षा 8वीं में पढ़ते हुए 6 माह में वेग रहस्य पर 20 पन्नों का शोध किया। मेल के जरिए वाशिंगटन डीसी के आईजी एसईआर (इंटरनेशनल जनरल्स ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान) ने 27 दिसम्बर 2021 को मान्यता देते हुए सर्टिफिकेट दिया।
सीएम से किताब के विमोचन के इंतजार
इतना ही नहीं इस शोध का संस्था ने वेग रहस्य (velocity mistry) नाम से किताब प्रकाशन करवाया है। पीयूष के पिता पीएल जायसवाल मैनपुर सीएम पब्लिक स्कूल में प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि पीयूष व हमारे पूरे परिवार की दिली इच्छा है कि इस किताब का विमोचन सीएम भूपेश बघेल के हाथों हो। इसके लिए हम जिला प्रशासन के अलावा प्रभारी मंत्री तक सम्पर्क कर चुके हैं। पीयूष ने कहा कि सीएम साहब जब तक किताब का विमोचित नहीं करेंगे तब तक इसे वे बाजार में विक्रय की सहमति नही देंगे। शोध की किताब ऑनलाइन भी उपलब्ध है।
12वीं तक एजुकेशन फ्री किया
दुर्ग का शंकुतला विद्यालय पीयूष की प्रतिभा को देखते हुए कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की सम्पूर्ण शिक्षा निशुल्क दे रहा है। जूनियर इंजीनियर की उपाधि व इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज होने के बाद संस्था ने पीयूष की प्रतिभा का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है। पीयूष ने अब शंकुतला विद्यालय में कक्षा 9वीं में दाखिला ले लिया है। janjaagrukta.com