SLBC Tunnel Accident: बचाव अभियान चौथे दिन श्रमिकों से 40 मीटर दूर, GSI-NGRI विशेषज्ञ बुलाए गए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरंग में पानी और कीचड़ का स्तर बढ़ने से बचाव कार्य में गंभीर बाधाएँ आ रही हैं। खोजी कुत्तों को भी लगाया गया, लेकिन पानी की मौजूदगी के कारण वे भी आगे नहीं बढ़ सके।

SLBC Tunnel Accident: बचाव अभियान चौथे दिन श्रमिकों से 40 मीटर दूर, GSI-NGRI विशेषज्ञ बुलाए गए
SLBC Tunnel Accident: बचाव अभियान चौथे दिन श्रमिकों से 40 मीटर दूर, GSI-NGRI विशेषज्ञ बुलाए गए

तेलंगाना, जनजागरुकता डेस्क। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा शनिवार को ढह जाने के बाद से वहां फंसे आठ श्रमिकों की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। लगातार बढ़ते जलस्तर और गहराते कीचड़ के कारण बचाव कार्य में कठिनाइयाँ आ रही हैं। बचाव दल ने सुरंग में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का सहारा लिया, लेकिन पानी के कारण यह प्रयास भी विफल रहा।

584 विशेषज्ञ कर्मी जुटे बचाव में

भारतीय सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य एजेंसियों की मदद से 584 कुशल कर्मियों की एक टीम बचाव में लगी है। इन टीमों ने अब तक सुरंग का सात बार निरीक्षण किया है। बचाव दल मलबा हटाने और धातु की छड़ों को काटने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल कर रहा है।

खोजी कुत्तों के प्रयास भी असफल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरंग में पानी और कीचड़ का स्तर बढ़ने से बचाव कार्य में गंभीर बाधाएँ आ रही हैं। खोजी कुत्तों को भी लगाया गया, लेकिन पानी की मौजूदगी के कारण वे भी आगे नहीं बढ़ सके।

ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों की मदद ली गई

चौथे दिन बचाव अभियान में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और राष्ट्रीय भौगोलिक अनुसंधान संस्थान (NGRI) के विशेषज्ञों के साथ-साथ एलएंडटी की ऑस्ट्रेलियाई इकाई के विशेषज्ञ भी शामिल किए गए हैं, जिन्हें सुरंगों में काम करने का विशेष अनुभव है। जिला कलेक्टर बी. संतोष ने बताया कि सुरंग की स्थिरता की जांच के बाद पानी निकालने का कार्य जारी है।

अभी तक संपर्क संभव नहीं

कलेक्टर ने बताया कि फंसे श्रमिकों से अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है। टीमें अंतिम 50 मीटर तक पहुँच चुकी हैं, लेकिन मलबा और कीचड़ के कारण आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है। उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी और सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी आज मौके पर पहुँचकर बचाव कार्य की निगरानी करेंगे।

'रैट माइनर्स' की टीम बचाव में शामिल

टनल बोरिंग मशीन बढ़ते पानी के कारण लगभग 200 मीटर आगे खिसक गई है और मलबा हटाने वाला कन्वेयर बेल्ट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे बचाव कार्य कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। 2023 में उत्तराखंड की सिल्क्यारा बेंड-बरकोट सुरंग में श्रमिकों को बचाने वाली 'रैट माइनर्स' टीम भी इस बचाव कार्य में शामिल हो गई है।

बचाव कार्य में समय लगेगा

राज्य के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों के जीवित बचने की संभावना बेहद कम है। कीचड़ और मलबे के कारण राहत कार्य में तीन से चार दिन तक का समय लग सकता है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी तरह की कमी न रखी जाए और सभी संभव प्रयास किए जाएं।janjaagrukta.com