Health: आप भी हो सकती हैं- थायराइड का शिकार, जानें लक्षण..

बता दें थायराइड एक हॉर्मोनल बीमारी है। इस समस्या का सबसे ज्यादा शिकार अधिकार महिलाए होती है। महिलाओं में थायराइड के अनेक कारण होते हैं, जैसे वायरल संक्रमण की चपेट में आना, लंबे समय तक तनाव यानी स्ट्रेस में रहना, डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव आना, शरीर में आयोडीन की कमी होना, और महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होना आदि।

Health: आप भी हो सकती हैं- थायराइड का शिकार, जानें लक्षण..

जनजागरुकता, हेल्थ डेस्‍क। आजकल बदलते लाइफस्टाइल और खानपान के चलते थायराइड की समस्या भी लगातार बढती जा रही है। थायराइड एक हॉर्मोनल बीमारी है, जिसपर ध्यान ना दिया जाए तो ये गंभीर साबित हो सकती है। इस समस्या का सबसे ज्यादा शिकार अधिकार महिलाए होती है। बता दें महिलाओं में थायराइड की समस्या क्यों होता है? महिलाओं में थायराइड के अनेक कारण होते हैं, जैसे वायरल संक्रमण की चपेट में आना, लंबे समय तक तनाव यानी स्ट्रेस में रहना, डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव आना, शरीर में आयोडीन की कमी होना, और महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होना आदि। इन कारणों के साथ-साथ कुछ जोखिम कारक भी हैं।

साथ ही महिलाओं में थायराइड की समस्या बढ़ने से गर्दन में सूजन, दर्द, और सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके साथ-साथ कई बार महिलाओं का फर्टिलिटी साइकिल भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। 

थायराइड के लक्षण-

थकावट

हाइपोथारायडिज्म के सबसे आम लक्षणों में से एक है थकान होना. थायराइड से ग्रसित लोगों में ये लक्षण बहुत ज्यादा देखा गया है। जिन लोगों को थायराइड बहुत ज्यादा बढ़ता है वे लोग इतना थकते है कि अपनी दिनचर्या को काम भी नहीं कर पाते है।

तेजी से वजन घटना या बढ़ना

थायराइड हार्मोन शरीर में वजन, भोजन का सेवन और वसा और चीनी के चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जिन लोगों में थायराइड हार्मोन कम होता है वो लोग वजन बढ़ने और बॉडी मास इंडेक्स के बढ़ने का अनुभव कर सकते है।

मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द

हाइपोथारायडिज्म किसी भी व्यक्ति में मांसपेशियों और जोड़ो को प्रभावित कर सकता है. इससे आपके जोड़ो में दर्द, अकड़न, एठन, सूजन और कमजोरी हो सकती है।

यादाशत के कमजोर  होना

हाइपोथारायडिज्म के लक्षणों में मूड और यादाशत के कमजोर होने की भी समस्या हो सकती है। थायराइड से ग्रसित व्यक्ति में एंग्जाइटी, डिप्रेशन, किसी भी काम में मन न लगना और यादाशत का कमजोर होना, एकाग्रता की कमी के जैसे लक्षणों को देखा जाता है।

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

थायराइड हार्मोन लीवर के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने का काम करता है। कम हार्मोन के स्तर का मतलब है कि लीवर इस कार्य को पूरा करने के लिए संघर्ष करता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।

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