कंपनियों को कानून और पर्यावरण मानदंडों को मानना होगा- सुप्रीम कोर्ट
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने तांबा संयंत्र बंद नहीं किया है बल्कि केवल पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण इसे आगे चलाने नहीं देने को कहा है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तमिलनाडु के थूथुकडी में स्मेल्टिंग संयंत्र को बंद करने के खिलाफ वेदांत समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कि, कौन से नियमों का उल्लंघन किया है, इसको बताए बिना किसी उद्योग को बंद करने से कंपनी में किए गए निवेश पर असर पड़ सकता है।
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी कंपनी को मौजूदा कानूनों और पर्यावरण मानदंडों का पालन करना होगा। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने तांबा संयंत्र बंद नहीं किया है बल्कि केवल पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण इसे आगे चलाने नहीं देने को कहा है।
कंपनियों को सभी तरह के कानूनों का अनुपालन करना होगा
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘कोई कंपनी यह नहीं कह सकती कि वह केवल उन प्रविधानों का पालन करेगी जो अधिकारियों द्वारा बताए गए हैं। उसे सभी तरह के कानूनों का अनुपालन करना होगा। हालांकि जब सरकारी एजेंसियां जब किसी उद्योग को बंद करने का आदेश देती हैं तो वह सिर्फ यह नहीं कह सकती हैं कि आपने नियमों का उल्लंघन किया है। एजेंसियों को यह भी बताना होगा कि आखिर उद्योग ने किन नियमों का उल्लंघन किया है।’
मई 2018 से बंद है संयंत्र
यह संयंत्र मई 2018 से बंद है। इस संयंत्र से होने वाले कथित प्रदूषण के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी।