रात में बार-बार खुलती है नींद, जानें कारण व उपाय....
बताया जा रहा कि, वयस्क रात में 2 से 6 बार तक जागते हैं। ऐसे में उनके शरीर को आराम नहीं मिल पाता और इसका नकारात्मक असर सेहत पर नजर आता है।
जनजागरुकता लाइफस्टाइल डेस्क। डिजिटल वर्ल्ड में लोग मोबाइल से अधिक चिपके रहते हैं। इससे नींद न आने की (अनिद्रा) की समस्या बढ़ गई है। इसके साथ ही कई लोगों की अक्सर रात में नींद अचानक से खुल जाती है। इसके बाद जल्दी नींद नहीं आती है। कई बार तो लोगों को याद भी नहीं होता कि वह रात में जागे थे। यह एक सामान्य स्थिति है।वहीं लोग नींद से जागने पर ये सोचने लगते हैं कि वे क्यों जाग रहे हैं या कितनी देर सोए? वह ये भी तय करते हैं कि उन्हें कितनी देर और सोना है और कब जागना है। वयस्क रात में 2 से 6 बार तक जागते हैं। ऐसे में उनके शरीर को आराम नहीं मिल पाता और इसका नकारात्मक असर सेहत पर नजर आता है। इसके कारण दिन भर थकान, आलस, सिरदर्द की समस्या तो होती है, साथ ही कोई काम पूरी एकाग्रता के साथ नहीं हो पाता। इसके कारण चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ता है। साथ ही नींद पूरी तरह से न लेने पर व्यक्ति धीरे धीरे बीमारियों की चपेट में आने लगता है
कारण :-
कैफिन या शराब का सेवन
कैफिन या शराब का सेवन नींद खराब करने कारण बन सकता है। इसके कारण आपको बार-बार यूरिनेट के लिए जाना, लंबे समय तक नींद ने जाने की समस्या हो सकती है।
तनाव
तनाव आजकल की कॉमन समस्या है. तनाव के दौरान शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है. इसके कारण ब्रेन लगातार एक्टिव बना रहता है. ऐसे में उसे नींद नहीं आती. अगर किसी तरह व्यक्ति सो भी गया तो बार बार नींद खुल जाती है.
थायरॉयड
थायरॉयड के मरीजों को भी इस समस्या से जूझना पड़ता है. दरअसल थायरॉयड के दौरान हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और इसका असर नींद पर भी पड़ता है. थायरॉयड बढ़ा होने पर दिल तेजी से काम करता है और शरीर में एड्रेनालाईन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है. जिसके कारण नींद न आने की समस्या होने लगती है.
इन्सोम्निया
इन्सोम्निया भी इसका एक कारण हो सकता है. ये एक ऐसा स्लीप डिसऑर्डर है जो आपको रात में नींद न आने और दिनभर थका हुआ महसूस करने का कारण हो सकता है. इन्सोम्निया से पीड़ित व्यक्ति को नींद न आने, बार-बार नींद खुल जाने, रात में नींद खुलने के बाद दोबारा सो पाने में दिक्कत होती है.
सोशल मीडिया की लत
मोबाइल और सोशल मीडिया की लत भी नींद न आने की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकती है. मोबाइल की लाइट सीधेतौर पर आपकी आंखों पर पड़ती है. इससे शरीर मेलाटोनिन और स्लीप हार्मोन को बनने से रोकता है, जिसके कारण नींद में खलल पड़ता है.
स्लीप एप्निया
स्लीप एप्निया एक ऐसी समस्या है जिसमें रात में सोते वक्त बार-बार सांस लेने में परेशानी होने के कारण बार-बार नींद खुल जाती है जिससे आप क्वालिटी स्लीप नहीं मिल पाती और व्यक्ति पर पूरे दिन आलस सवार होता है।
उपाय:-
- रात में सोते वक्त मोबाइल से दूर रहें।
- सोने से 1 घंटा पहले अपने मोबाइल को दूर रख दें।
- उलटी गिनती करें।
- हर रोज सुबह में ध्यान योगा करें, एक्सरसाइज करें।
- कोई बोरिंग पुस्तक पढ़ें।
- जब नींद खुले तो उस समय गहरी सांस लें, मन मस्तिष्क को स्थिर और शून्य रखें।
- रात के समय में कैफीन युक्त चीज़ों का सेवन न करें।
- रात में 8 से 10 घंटे की अच्छी नींद ले।