पाक में आतंकी हमले का खतरा! अमेरिका, ब्रिटेन ने जारी की एडवाइजरी
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में प्रदर्शन जारी है। इसी को देखते हुए अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है।
इस्लामाबाद, जनजागरुकता डेस्क। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को अलर्ट कर दिया है। यातायात व्यवधान और प्रतिबंधों के कारण अमेरिकी दूतावास ने पाक में अपने नागरिकों से सतर्कता बरतने और भीड़ वाले स्थानों से बचने के लिए कहा है।
पाकिस्तान में राष्ट्रव्यापी विरोध के बीच इस्लामाबाद में स्थित अमेरिकी दूतावास ने सभी कांसुलर नियुक्तियों को 10 मई तक के लिए रद्द कर दिया है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को अलर्ट कर दिया है। इस बीच,कनाडा ने अपने नागरिकों को अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण पाकिस्तान में उच्च स्तर की सावधानी बरतने के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद, नागरिक अशांति, सांप्रदायिक हिंसा और अपहरण का खतरा है।
इमरान की गिरफ्तारी के बाद देश भर में प्रदर्शन
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद देश भर में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनकी रिहाई की मांग की। विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद अमेरिका, कनाडा और यूके ने अपने नागरिकों और राजनयिक कर्मचारियों के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है।
अमेरिकी नागरिक पाक में रह रहे सावधान
अमेरिकी दूतावास ने पाकिस्तान में अपने नागरिकों के लिए यात्रा अलर्ट की घोषणा की है। अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी ताजा एडवाइजरी में कहा गया है,‘अमेरिकी दूतावास इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों और पूरे पाकिस्तान में छिटपुट प्रदर्शनों या कहीं और होने की योजना की निगरानी कर रहा है।’
पाक में कानून का शासन हो-ब्रिटेन के विदेश सचिव
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक संयुक्त समाचार सम्मेलन के दौरान कहा, ‘हम सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पाकिस्तान में जो कुछ भी होता है वह कानून के शासन, संविधान के अनुरूप हो।’ इस बीच, ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा, ‘हम उस देश में शांतिपूर्ण लोकतंत्र देखना चाहते हैं। हम कानून के शासन का पालन होते देखना चाहते हैं।’