कोर्ट के फैसले से कांग्रेसी नाराज, राहुल के समर्थन में कांग्रेस का ‘मौन सत्याग्रह’
गांधी मैदान में ‘मौन सत्याग्रह’, सीएम भूपेश बघेल, मंत्री मोहम्मद अकबर, अध्यक्ष मोहन मरकाम, विस अध्यक्ष चरणदास मंहत, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा सहित हजारों कांग्रेसी बैठे हैं।
रायपुर, जनजागरुकता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के फैसले से नाराज प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में रायपुर के गांधी मैदान में मौन सत्याग्रह कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री मोहम्मद अकबर, चरणदास मंहत, चंदन यादव, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, मंत्री शिव डहरिया सहित तमाम मंत्री, विधायक व कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद हैं।
मौन सत्याग्रह में जुटे हजारों कांग्रेसी
मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से गुजरात हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट के फैसले से नाराज प्रदेश कांग्रेस नेता मौन सत्याग्रह कर विरोध जता रहे हैं। इस सत्याग्रह का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में प्रदेश भर के कांग्रेस नेता शामिल हैं। रायपुर के गांधी मैदान में मौन सत्याग्रह में बैठे कांग्रेस नेताओं में प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मंत्री मोहम्मद अकबर, चरणदास मंहत, चंदन यादव, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, मंत्री शिव डहरिया, सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, किरणमयी नायक सहित तमाम मंत्री, विधायक व कांग्रेस पदाधिकारी शामिल हैं। इस दौरान तमाम कांग्रेसी नेता काले रंग का मास्क लगाकर बैठे हुए हैं।
2 साल की सजा पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार
बता दें गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा, "इस केस के अलावा राहुल गांधी पर 10 आपराधिक मामले पेंडिंग में हैं। ऐसे में हाईकोर्ट को सूरत कोर्ट के फैसले पर दखल देने की जरूरत नहीं है।" वहीं, राहुल गांधी गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
राहत नहीं मिली तो उनकी सांसदी जाने का खतरा
गौर करने वाली बात यह है कि अगर शीर्ष अदालत से भी राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती है, तो उनकी सांसदी चली जाएगी। ऐसा होने पर वो 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।
मानहानि केस में 23 मार्च को मिली थी सजा
राहुल गांधी को मानहानि केस में 23 मार्च को सजा सुनाई गई थी। उनकी संसद सदस्यता 24 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है।