3,100 बसों की अचानक हड़ताल, लोग इंतजार करते रहे, लाखों यात्री परेशान
वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मुंबई में निजी बस ऑपरेटरों के कर्मचारी काम बंद कर दिए। कई मार्गों पर बस सेवाएं पूरी तरह ठप है।
मुंबई, जनजागरुकता डेस्क। लंबे समय से कर रहे वेतन वृद्धि की मांग को लेकर निजी बस ऑपरेटरों के कर्मचारी अचानक हड़ताल पर चले गए। इससे स्कूल, कॉलेज व काम पर जाने वाले लोगों को बड़ा धोखा हुआ। वे स्टैंड पर बस आने का इंतजार करते रहे। इस वजह से परेशान हो गए हैं। कई मार्गों पर बस सेवाएं बंद है।
मामले के अनुसार बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम के ठेका कर्मचारी अचानक काम पर नहीं आए। अचानक इस स्थिति से बड़ी संख्या में लोगों को धोखा हुआ। बस के इंतजार में यात्रियों की लंबी कतार लग गई।
3,100 बसों से पाते हैं यात्री सुविधा
बता दें कि बेस्ट लगभग 3,100 बसों के बेड़े के साथ मुंबई और पड़ोसी ठाणे, नवी मुंबई और मीरा-भायंदर शहरों में प्रतिदिन 30 लाख से अधिक यात्रियों को अपनी बसों से यात्रा कराता है। इनमें से सार्वजनिक परिवहन निकाय के पास 1,340 बसें हैं।
घाटकोपर और मुलुंड डिपो में काम बंद
इधर मुंबई के आजाद मैदान में बेस्ट के संविदा कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। घाटकोपर, मुलुंड और विक्रोली इलाकों में हड़ताल चल रही है। बेस्ट के एक प्रवक्ता ने कहा निजी बस ऑपरेटर एसएमटी के कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पूर्वी उपनगरों में बेस्ट के घाटकोपर और मुलुंड डिपो में काम बंद कर दिया। एसएमटी को डागा ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है।
कंपनियां ऐसे देते हैं सेवा
बता दें कि बेस्ट उपक्रम महानगर में सार्वजनिक बस सेवाएं प्रदान करता है। बेस्ट ने डागा समूह सहित कुछ ठेकेदारों से वेट लीज मॉडल पर बसें किराए पर ली हैं, जिसके तहत निजी ऑपरेटर वाहनों के मालिक हैं। इसके अलावा रखरखाव, ईंधन और ड्राइवरों के वेतन की जिम्मेदारी भी लेते हैं।
स्थिति गंभीर, निकाय से नहीं आया बयान
हड़ताल से बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) कर्मचारियों ने दावा किया कि कई मार्ग जहां डागा समूह की बसों के साथ सेवाएं संचालित की गईं, वे गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। सार्वजनिक परिवहन निकाय ने अभी तक निजी बस ऑपरेटर के कर्मचारियों की अचानक हड़ताल के कारण अपनी सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव की सटीक सीमा का खुलासा नहीं किया है।