ब्रिटेन पीएम की बड़ी घोषणा- ग्रीन क्लाइमेट फंड में 2 बिलियन डॉलर का देंगे योगदान
दिल्ली ने चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन का समापन हुआ। इस दौरान जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यूके की सबसे बड़ी फंडिंग सामने आई है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ग्रीन क्लाइमेट फंड में 2 बिलियन डॉलर के योगदान की घोषणा की। यह वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यूके की सबसे बड़ी फंडिंग है।
2 बिलियन डॉलर के सबसे बड़े वित्तीय योगदान की घोषणा
भारत में ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान में कहा, “भारत में जी20 नेताओं की एक सभा आज (रविवार) समाप्त हो रही है। प्रधानमंत्री ने दुनिया पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए 2 बिलियन डॉलर के सबसे बड़े वित्तीय योगदान की घोषणा की है।” इसमें कहा गया है “यूनाइटेड किंगडम ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ) में 1.62 बिलियन डॉलर (2 बिलियन डॉलर) का योगदान देगा, जिसे ”सीओपी15” में कोपेनहेगन समझौते के बाद 194 देशों द्वारा स्थापित किया गया था।”
मिलकर काम करने का आह्वान
ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने नेताओं से इस दिसंबर में सीओपी28 शिखर सम्मेलन से पहले देशों के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के परिणामों से निपटने को लेकर कमजोर अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया है।
यूके आगे बढ़कर जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा
बयान के अनुसार, जी20 नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “यूके आगे बढ़ रहा है और अपनी अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज कर और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए दुनिया के सबसे कमजोर लोगों का समर्थन कर अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा है। पीएम ऋषि सुनक ने कहा, “यह उस तरह का नेतृत्व है जिसकी दुनिया जी20 देशों से उम्मीद करती है, और यह सरकार यूके और दुनिया को और अधिक समृद्ध और सुरक्षित बनाने में उदाहरण पेश करती रहेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि यूके ने विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व किया है, जिसमें 2021 और 2026 के बीच अंतरराष्ट्रीय जलवायु वित्त पर 11.6 बिलियन पाउंड खर्च करने का वादा भी शामिल है।
68 मिलियन टन से अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया
इसमें कहा गया है, “आज की घोषणा इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ा योगदान दर्शाती है। यह ‘सीओपी 27’ में जलवायु अनुकूलन के लिए हमारी फंडिंग को तीन गुना कर देगा।” इसमें यह भी कहा गया है कि 2011 के बाद से यूके के जलवायु सहायता खर्च ने 95 मिलियन से अधिक लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद की है और 68 मिलियन टन से अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया है।