मैं ‘सामना' और ‘मार्मिक' नहीं पढ़ता: राज ठाकरे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को कहा कि वह ‘सामना' और ‘मार्मिक' नहीं पढ़ते। ये दोनों प्रकाशन उनके परिवार से जुड़े हैं और इनके लिए वह पहले योगदान भी कर चुके हैं।

मैं ‘सामना' और ‘मार्मिक' नहीं पढ़ता: राज ठाकरे


मुंबई, जनजागरुकता डेस्क। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को कहा कि वह ‘सामना' और ‘मार्मिक' नहीं पढ़ते। ये दोनों प्रकाशन उनके परिवार से जुड़े हैं और इनके लिए वह पहले योगदान भी कर चुके हैं।

‘सामना' अविभाजित शिव सेना का मुखपत्र था और इसकी शुरुआत दिवंगत नेता बाल ठाकरे ने की थी। शिवसेना पिछले साल जून में बागी नेता एकनाथ शिंदे के कारण दो हिस्सों में विभाजित हो गई, लेकिन ‘सामना' पर अभी उद्धव ठाकरे वाले गुट का नियंत्रण है।

‘मार्मिक' एक पत्रिका है जो कार्टून को समर्पित है। ‘मार्मिक' की शुरुआत बाल ठाकरे और उनके भाई श्रीकांत (मनसे प्रमुख राज ठाकरे के पिता) ने की थी। इस पत्रिका की शुरुआत वर्ष 1966 में शिवसेना की स्थापना से पहले हुई थी। राज ठाकरे से पूछा गया कि क्या वह सामना या मार्मिक पढ़ते हैं? इस सवाल पर उन्होंने नकारात्मक उत्तर दिया, लेकिन कहा कि वह अपने घर पर ‘सामना' मंगाते हैं। मनसे प्रमुख ने कहा, ‘‘इन दिनों अखबारों में कोई खबर नहीं होती। टेलीविजन चैनल को भी नहीं देखा जा सकता।'

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