Akanksha Bhardwaj : जज बनी वकील, खुद लड़ी लड़ाई, पढ़िए क्या है पूरी खबर..

प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद उन्हें अगस्त 2014 में अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का स्वतंत्र प्रभार दिया गया। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मई 2024 में उनके पक्ष में फैसला देते बैक वेजेस के बगैर सिविल जज-2 के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने के आदेश दिए थे।

Akanksha Bhardwaj : जज बनी वकील, खुद लड़ी लड़ाई, पढ़िए क्या है पूरी खबर..
Akanksha Bhardwaj : जज बनी वकील, खुद लड़ी लड़ाई, पढ़िए क्या है पूरी खबर..

बिलासपुर, जनजागरुकता डेस्क। हाईकोर्ट (High Court) में बर्खास्त की गई महिला जज ने अपने केस में खुद बहस कर बड़ी जीत हासिल की। दरअसल स्थायी समिति की अनुशंसा पर 7 साल पहले उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका लगाई थी। इसके बाद विधि एवं विधायी विभाग और हाईकोर्ट (High Court) ने अपील की थी। उनके पक्ष में फैसला आने पर हाई कोर्ट ने उन्हें नियुक्ति भी दे दी है। 

आपको बता दें कि बिलासपुर के सरकंडा में रहने वाली आकांक्षा भारद्वाज (Akanksha Bhardwaj) का चयन वर्ष 2012-13 में परीक्षा के जरिए सिविल जज के पद पर हुआ था। 12 दिसंबर 2013 को जारी आदेश के अनुसार उन्हें दो वर्ष की परिवीक्षा पर नियुक्त किया गया। जिसके बाद उन्होंने 27 दिसंबर 2013 को ज्वाइन किया।

इस दौरान एक सीनियर मजिस्ट्रेट ने उसने अनुचित व्यवहार किया, लेकिन नई ज्वाइनिंग होने से उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद उन्हें अगस्त 2014 में अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का स्वतंत्र प्रभार दिया गया। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मई 2024 में उनके पक्ष में फैसला देते बैक वेजेस के बगैर सिविल जज-2 के पद पर वरिष्ठता के साथ बहाल करने के आदेश दिए थे।

सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट और विधि एवं विधायी विभाग ने अपील की थी। महिला सिविल जज ने सिंगल बेंच के फैसले के एक हिस्से को चुनौती दी थी। इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा (Chief Justice Ramesh Sinha) की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई, और हाई कोर्ट ने अपील मंजूर की थी। इसके बाद 3 दिसंबर 2024 को उनकी पोस्टिंग कर दी गई है. उन्हें महासमुंद में पदस्थ किया गया है।janjaagrukta.com