बेरोजगारी भत्ता मिलने से पहले ही राज्य की राजनीति में उबाल

चढ़ने लगा सियासत का पारा, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा 4 साल बाद दाऊ को बेरोजगारी भत्ता याद आया।

बेरोजगारी भत्ता मिलने से पहले ही राज्य की राजनीति में उबाल


रायपुर, जनजागरुकता। प्रदेश में इन दिनों युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलने से पहले ही राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम भूपेश बघेल के बेरोजगारी भत्ते की घोषणा के बाद से बीजेपी के कान खड़े हो गए हैं।

माना जा रहा है कि ऐसा कर सीएम बघेल ने युवाओं को साधने का नया दांव खेला है। चुनावी साल में सीएम की घोषणा से राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा को झटका लगा है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर सीएम पर निशाना साधा है, वहीं कांग्रेस भी बयानों से हमलावर हुई है।

बता दें कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा किया था। अब इस वादे को सरकार आखिरी साल में पूरा करने का ऐलान किया है। यह भत्ता युवाओं को अप्रैल 2023 से मिलने लगेगा।

इस सत्र 10वीं से 12वीं पास तक के युवाओं को सरकार भत्ता देने की तैयारी कर रही है। आने वाले बजट सत्र में बेरोजगारी भत्ता को लेकर प्रावधान किया जाएगा, हालांकि ये अब तक तय नहीं हुआ है कि किस आधार पर और कितने शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता दिया जाएगा। अनुमान है कि राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 19 लाख है। मध्य प्रदेश के जमाने में 1996 में 200-300 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाता रहा है। अभी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता दिया जा रहा है।

चुनाव देख दाऊ को घोषणा पत्र याद आ गया- डॉ. रमन सिंह
इधर बेरोजगारी भत्ते को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ गया.. बेरोजगारी भत्ते पर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट किया- चुनाव देखकर दाऊ को घोषणा पत्र याद आ गया। इस ट्वीट के जवाब में कांग्रेस ने ‘पनामा का सांड” कहकर जवाब दिया। डॉ. सिंह ने सवाल उठाया है कि मां बम्लेश्वरी की धरती पर राहुल गांधी ने 2018 के घोषणा पत्र में पहले ही बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर दी थी। सीएम भूपेश बघेल चुनावी साल में दोबारा यह घोषणा करके क्या सिद्ध करना चाहते हैं? 4 सालों में जिस कांग्रेस ने सिर्फ घोषणा की, उनसे क्रियान्वयन की कोई उम्मीद नहीं है।

2500 रुपए के बेरोजगारी भत्ते के 15 हजार करोड़ लंबित
मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का कहना है– पिछले 4 साल का बेरोजगारी भत्ता 15 हजार करोड़ रुपए है। कांग्रेस सरकार ने 10 लाख से ज्यादा युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के रूप में हर महीने 2500 रुपए देने की घोषणा की थी। 10 लाख युवाओं का हर महीने के 2500 रुपए के बेरोजगारी भत्ते के अनुसार 15 हजार करोड़ रुपए सरकार के पास लंबित है।

यह सीएम भूपेश बघेल की संवेदनशीलता- सुशील आनंद
मामले पर प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है– कांग्रेस पार्टी का युवाओं के प्रति प्रतिबद्धता है, जिस प्रदेश में मात्र आधा फीसदी ही बेरोजगारी दर है। आधा फीसदी युवाओं के लिए सोचना भी सीएम भूपेश बघेल की संवेदनशीलता है। 2003 में भाजपा ने भी 500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन कभी नहीं दिया।

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