बच्चों ने एयरोप्लेन के विज्ञान को समझा, मॉडल बनाकर अनुभव भी किया

छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर की कार्यशाला में प्रभारी परियोजना संचालक डॉ. शिरीष सिंह ने कहा बच्चों ने कुछ नया बनाना सीखा, रचनात्मकता और सृजनात्मकता का भरपूर उपयोग किया।

बच्चों ने एयरोप्लेन के विज्ञान को समझा, मॉडल बनाकर अनुभव भी किया

रायपुर, जनजागरुकता। हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने एयरोप्लेन साईंस किस सिद्धांत पर और कैसे कार्य करता है, इसके पीछे क्या टेक्नोलॉजी है को जाना। साथ ही इसका मॉडल बनाकर उड़ाने का अनुभव भी लिया। 

कार्यशाला प्रभारी परियोजना संचालक डॉ. शिरीष कुमार सिंह के मार्गदर्शन में यह सब छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर द्वारा आयोजित हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप में बच्चों ने जाना और अनुभव भी किया। एयरो मॉडलिंग कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय माना कैम्प के विद्यार्थी शामिल हुए। यह। इसका उद्देश्य नवीन खोजों एवं प्रायोगिक क्रियाकलापों को स्वयं करके सीखने की प्रक्रिया को विकसित करना है।

संस्था के महानिदेशक डॉ. एस कर्मकार ने संस्था के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस 5 दिवसीय वर्कशॉप के सफलतापूर्वक पूरे होने पर शुभकामनाएं दी। साथ ही अपनी वैज्ञानिक टीम को भविष्य में भी इस तरह के वर्कशॉप के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया। 

विज्ञान के कठिन सिद्धांतों को आसानी से समझा

इस अवसर पर डॉ. शिरीष कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में हम प्रौद्योगिक एवं नवाचार के युग में जी रहे हैं। सभी तरफ ऑटोमेशन टेक्नॉलॉजी का प्रसार है। शिक्षण में ऑगमेंटेड रियालिटी और वर्चुअल रियालिटी का इंटरफेस बढ़ गया है। ऐसे में संस्था द्वारा आयोजित इस प्रकार के हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप से बच्चे रोबोटिक्स, ड्रोन एवं एयरो मॉडलिंग से जुड़े विज्ञान के कठिन सिद्धांतों को आसानी से समझ पा रहे है। 

रचनात्मकता और सृजनात्मकता का उपयोग

उन्होंने कहा कि एयरो-मॉडलिंग की पांच दिवसीय वर्कशॉप में टीम में टीम स्प्रिंट के साथ मिलकर कार्य किया गया। विद्यार्थियों ने कुछ नया बनाना सीखा। साथ ही अपने रचनात्मकता और सृजनात्मकता का भरपूर उपयोग किया। विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया एयरो प्लेन जब उड़ा तो उनकी खुशी देखते बनती थी। 

विद्यार्थियों ने सीखा कुछ नया करना

वैज्ञानिक, अमित कुमार मेश्राम ने कहा कि इस 5 दिवसीय एयरो-मॉडलिंग वर्कशॉप में विद्यार्थियों ने कुछ नया करना सीखा, साथ ही उपलब्ध विज्ञान के सिद्धांतों के अनुप्रयोग से परिचित होते हुए। वर्तमान में एविएशन के क्षेत्र कैरियर के अवसरों को पहचाना। वैज्ञानिक अधिकारी प्रज्ञा कदम ने कहा कि अपने ही बनाए हुए मॉडल को उड़ता हुआ देखना बच्चों के लिए सपने से कम नहीं था। 

वैज्ञानिक सिद्धांत की जानकारी दी

5 दिनों की कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ. अरुणा राना ने एविएशन के इतिहास राइट्स ब्रदर्स का योगदान बताने के साथ विमान के उड़ने में उपयोगी वैज्ञानिक सिद्धांत की जानकारी दी। कार्यशाला में शोधार्थी वरुण कुमार मिश्रा, श्रेया मिश्रा, तारणी वर्मा, स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय माना कैम्प के विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद थे।

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