जैविक तरीकों का उपयोग कर ली जा सकती है अच्छी फसल
दन्तेवाडा द्वारा ग्राम कासोली में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत दलहनी फसलों पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया।
दंतेवाड़ा, जनजागरुकता। कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाडा द्वारा ग्राम कासोली में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत दलहनी फसलों पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्र दिवस में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख संतोष कुमार ध्रुव एवं निरीक्षण दल के प्रमुख डॉ. आदिकांत प्रधान, डॉ. नेमीचंद मंडावी, डॉ. टीपी चन्द्राकर द्वारा किसानों प्रक्षेत्र में भ्रमण किया गया।
इस दौरान ग्राम कासोली के बोसाराम अटामी के प्रक्षेत्र में लगे मटर, चना, मूंग की फसल का निरीक्षण किया गया। डॉ. आदिकांत प्रधान द्वारा किसानों को बीजोपचार कर फसल लगाना, गाजर घास के नियंत्रण, पंक्तियों में फसल की बुआई करने के बारे में बताया गया।
जैविक खेती के लाभ
उनके द्वारा किसानों को कीट नियंत्रण के लिये पीला चिपचिपा ट्रैप उपयोग करने के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. टीपी चंद्राकर द्वारा किसानों को जैविक खेती के फायदे के बारे में बताया गया कि जैविक खेती में उर्वरक के रूप में केंचुआ खाद, जीवामृत, घन जीवामृत, राइजोबियम कल्चर, एजोला के प्रयोग करने से फसल की गुणवत्ता अच्छी रहती है एवं रासायनिक खादों के प्रयोग करने से फसल की गुणवत्ता में कमी आ जाती है।
जैविक तरीकों का कैसे करें प्रयोग
डॉ. नेमीचंद मंडावी के द्वारा कीट एवं बीमारी के प्रबंधन के लिये जैविक तरीकों का प्रयोग जैसे ब्रह्मास्त्र या निमास्त्र के उपयोग करने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस दौरान डिप्रोषन बंजारा (विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान), अनिल ठाकुर (विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि मौसम विज्ञान), डॉ. भुजेन्द्र कोठारी (प्रक्षेत्र प्रबंधक), अन्य उपस्थित रहे।
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