रच दिया इतिहास- देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो परियोजना सफल.. पानी के अंदर दौड़ी रेक

कोलकाता मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी इस ऐतिहासिक पल का गवाह बने हैं।

रच दिया इतिहास- देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो परियोजना सफल.. पानी के अंदर दौड़ी रेक


कोलकाता, जनजागरुकता डेस्क। भारत में पहली अंडरवाटर मेट्रो परियोजना सफल हो गई है। गंगा नदी के नीचे पहली मेट्रो ट्रेन चलाई गई। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बने हैं कोलकाता मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी। कोलकाता और उपनगरों को एक आधुनिक परिवहन प्रणाली की सुविधा देने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम है।

माना जा रहा है कि मेट्रो रेलवे के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा हमने अनेक बाधाओं को पार किया है। उसके बाद हुगली नदी के नीचे रेक चलाकर इतिहास रचने में सफल हुए हैं।

यह देश के लिए गर्व की बात और नई टेक्नालॉजी का कमाल है कि कोलकाता के महाकरण से हावड़ा मैदान स्टेशन तक मेट्रो रेल की रैक नंबर MR-612 ने पहली यात्रा की। इस रैक ने हुगली नदी को सुबह 11.55 बजे पार किया। नदी के नीचे बनी यह सुरंग जलस्तर से 32 मीटर नीचे है।

देश में इस सुविधा का इंतजार था
भारत में लंबे समय से इस आश्चर्यजनक सुविधा का इंतजार था। बुधवार को यह इंतजार खत्म हो गया। इस अवसर पर रेड्डी के साथ मेट्रो के अतिरिक्त महाप्रबंधक एचएन जायसवाल, कोलकाता मेट्रो रेलवे कारपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) के एमडी समेत मेट्रो के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ट्रेन के पहुंचने के बाद रेड्डी ने हावड़ा स्टेशन पर इसकी पूजा की।


यह एक ऐतिहासिक घटना
बता दें कि पानी के अंदर चलने वाले इस मेट्रो को पूरी तरह चलाने के लिए पहले 7 महीने तक ट्रायल किया जाएगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा के अनुसार रैक नंबर एमआर-613 को भी हावड़ा मैदान स्टेशन ले जाया गया। इसे ऐतिहासिक घटना बताते हुए महाप्रबंधक ने बताया कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ट्रायल रन अगले सात महीनों तक चलेगा और इसके बाद इस खंड पर नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी।

इंजीनियरिंग चमत्कार की है उपलब्धि
महाप्रबंधक के अनुसार केएमआरसीएल के सभी कर्मचारी, इंजीनियर जिनके प्रयासों और देखरेख में इस इंजीनियरिंग चमत्कार को हासिल किया गया है, वे खुश हैं कि उनका सपना सच हो गया है। मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा है कि मेट्रो रेलवे के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। बाधाओं को पार करते हुए हुगली नदी के नीचे रेक चलाए।

4.8 किमी के भूमिगत खंड पर ट्रायल रन होगा
जल्द ही हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक 4.8 किलोमीटर के भूमिगत खंड पर ट्रायल रन शुरू होगा। दो मेट्रो रेक को एस्प्लेनेड स्टेशन से हावड़ा मैदान स्टेशन ले जाया गया। कोलकाता और उपनगरों के लोगों को एक आधुनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम है। यह वास्तव में बंगाल के लोगों के लिए भारतीय रेलवे की ओर से बांग्ला नववर्ष पर एक विशेष तोहफा है।


देश में सबसे नीचे स्टेशन
बता दें कि हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन यानि जमीन से 33 मीटर नीचे होगा। मेट्रो के 45 सेकंड में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर के हिस्से को कवर करने की उम्मीद है। नदी के नीचे बनी यह सुरंग जलस्तर से 32 मीटर नीचे है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस खंड पर वाणिज्यिक सेवाएं इसी साल शुरू हो जाएगी।

इस मेट्रो की ये है खासियत
इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी। नदी के नीचे से गुजरने में 60 सेकंड से भी कम समय लगेगा। हावड़ा मैदान से एसप्लैनेड तक जाने में छह मिनट का समय लगेगा। कुल 16.55 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है। यह पूरा मेट्रो मार्ग वर्ष 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा। इस मेट्रो में वर्ष 2035 तक 10 लाख यात्री सफर करेंगे।

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