विचाराधीन बंदियों के वकील नहीं हैं तो उन्हें मिलेंगे निजी अधिवक्ता, लोक अदालत में बनेगी रूपरेखा

वृहद जेल लोक अदालत के लिए कुल छह खंडपीठ बनाई गई है, जिसमें प्ली-बारगेनिंग और शमनीय प्रकरण जो सीजेएम एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में लंबित प्रकरणों को निराकरण का प्रयास किया जाएगा।

विचाराधीन बंदियों के वकील नहीं हैं तो उन्हें मिलेंगे निजी अधिवक्ता, लोक अदालत में बनेगी रूपरेखा

रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने राज्य के जेलों में बंद विचाराधीन बंदियों के लिए अच्छी पहल की है। ऐसे विचाराधीन बंदी जिनके पास निजी वकील नहीं है उन्हें पैरवी के लिए अधिवक्ता दिए जाएंगे। इससे लंबित प्रकरणों को निराकरण का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए आज विचाराधीन बंदियों के लिए लोक अदालत आयोजित की गई है। 

राज्य स्तरीय जेल लोक अदालत का शुभारंभ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति और छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी द्वारा केन्द्रीय जेल रायपुर से किया गया। इस दौरान न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के द्वारा जेल लोक अदालत की समीक्षा की जाएगी। 

लोक अदालत में बंदियों को विधिक एवं कानूनी जानकारी दिए जाने के लिए विशेष विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन केन्द्रीय जेल दुर्ग में किया जा रहा है। न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी केंद्रीय जेल दुर्ग भी आएंगे।

केन्द्रीय जेल दुर्ग में वृहद जेल लोक अदालत के लिए कुल छह खंडपीठ बनाई गई है, जिसमें प्ली-बारगेनिंग और शमनीय प्रकरण जो सीजेएम एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में लंबित प्रकरणों को निराकरण का प्रयास किया जाएगा। साथ ही जेल में निरुद्ध बंदियों में से कई बंदियों के प्रकरण प्रतिबंधात्मक धाराओं से संबंधित होते हैं, जिसके लिए कार्यपालक दण्डाधिकारी, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय के लिए भी उक्त जेल लोक अदालत में निराकृत करने का प्रयास किया जाएगा।

ऐसे विचाराधीन बंदी जिनके निजी अधिवक्ता नहीं हैं तथा प्रकरण न्यायालय में जिस बंदी का अभियोग पत्र प्रस्तुत हो चुका है उन्हें तत्काल विधिक सहायता से पैनल अधिवक्ता नियुक्त किए जाने की अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। साथ ही बंदियों को विधिक सहायता पहुंचायी जाएगी।

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