पुरुष भी महिलाओं से प्रताड़ित, 1 साल में 5626 पुरुष कर चुके हैं आत्महत्या
पुरुष आयोग के अनुसार महिला प्रताड़ना से देश में प्रति 5 मिनट में एक पुरुष कर लेता है आत्महत्या
पुरुष आयोग की अध्यक्ष बरखा का दावाः देश में बढ़ने लगे पुरुष आत्महत्या के मामले, देश का रिकॉर्ड विश्व में नंबर वन
रायपुर, जनजागरूकता। यह बात आम रही है कि महिलाएं पीड़ित और प्रताड़ित होती हैं, उन्हें पीड़ा पुरुष देते हैं। इस पर मरहम लगाने पुरुष प्रधान समाज में महिला दिवस पर महिला प्रताड़ना को लेकर बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं। महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर वक्ता विचार रखते हैं, जन जागरूकता के लिए रैलियां निकाली जाती हैं। इन सब बातों के विपरीत अब पुरुष प्रताड़ना की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं।
एक रिकॉर्ड के अनुसार पुरुष प्रताड़ना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में पुरुष घरेलू हिंसा के शिकार हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक पुरुष आत्महत्या के मामलों में देश विश्व में प्रथम स्थान पर है।
एक और रिकॉर्ड के अनुसार देश में प्रति 5 मिनट पर एक पुरुष आत्महत्या कर लेता है। रिकॉर्ड बताता है कि वर्ष 2021 में 81063 विवाहित पुरुषों ने महिला प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है।
हमारे प्रदेश में महिला प्रताड़ना से तंग 7828 पुरुषों ने मौत को गले लगाया
इसमें अगर छत्तीसगढ़ राज्य की बात करें तो राज्य में 2021 में 7828 लोगों ने आत्महत्या की। रिकॉर्ड के मुताबिक घटना में 2203 महिलाओं के आगे 5626 पुरुषों ने आत्महत्या की है। दिल्ली से पहुंचीं पुरुष आयोग की अध्यक्ष बरखा त्रेहन ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर देश के 4 राज्यों के सीएम से बातचीत की गई है जहां उनसे पुरुष आयोग गठित करने की अपील की गई है। इसमें दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ भी शामिल है। आयोग की अध्यक्ष त्रेहन ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से भी मुलाकात कर राज्य में पुरुष आयोग गठित करने की मांग करेंगीं।
महिलाओं को ही नहीं, पुरुषों को भी चाहिए कानूनी सुरक्षाः बरखा त्रेहन
पुरुष आयोग की अध्यक्ष बरखा त्रेहन का कहना है कि देश का संविधान और कानून भी महिलाओं को अधिक सुरक्षा देने में लगा हुआ है जबकि पुरुष को अधिक सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने बताया देश में लिंग आधारित भेदभाव और अंतर को दूर कर समानता के दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है। उनका कहना था कि पुरुषों को एटीएम और दुधारू पशु समझने वाली सोच में अंतर लाना होगा।