जी-20 की तैयारीः पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में मांगे सुझाव, रणनीतियों पर चर्चा कर कहा- यह दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का अवसर है

भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। इस साल दिसंबर से देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक जी-20 बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है।

जी-20 की तैयारीः पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में मांगे सुझाव, रणनीतियों पर चर्चा कर कहा- यह दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का अवसर है

नईदिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। जी20 की तैयारियों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक की जहां वहां मौजूद महानुभावों से सुझाव मांगे गए। वहीं जी20 की  बैठक के लिए रणनीतियों पर चर्चा की। इस दौरान पीएम ने कहा- यह समय दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का बेहतर अवसर है।

राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल आदि मौजूद थे।

बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया, जिसमें पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी शामिल हुए।

इन्होंने नहीं दी भागीदारी

बैठक में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू समेत अन्य नेता उपस्थित थे। बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख के चंद्रशेखर राव और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ललन सिंह ने हिस्सा नहीं लिया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से भी किसी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।

शिखर सम्मेलन की तैयारी में रणनीतियों पर चर्चा

बता दें कि अगले साल 2023 में भारत की मेजबानी में जी-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है, जिसके लिए सुझाव मांगने, रणनीतियों पर चर्चा करने और अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार के तरफ से सोमवार (5 दिसंबर) को बुलाने की बात तय की गई थी।

यह प्रत्येक भारतीय के गौरव का अवसर

बैठक के दौरान पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से भारत के जी-20 अध्यक्षता में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह एक सम्मान है जो भारत के लिए आया है न कि किसी पार्टी या व्यक्ति के लिए। यह प्रत्येक भारतीय का गौरव है। इसलिए हम सभी को सहयोग से काम करना चाहिए।” पीएम नरेन्द्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता समूचे राष्ट्र के लिए है, यह दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का एक अनूठा अवसर है।

वरिष्ठ नेताओं ने रखी अपनी बात

बैठक में माकपा नेता येचुरी ने कहा, “जी-20 की अध्यक्षता सदस्य देशों को बारी-बारी से मिलती है और इसी आधार पर स्वत: ही भारत को मिली है।” वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अतीत में भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर बैठक की अध्यक्षता की थी। डी राजा ने कहा कि भारत को इस अवसर का उपयोग भारत के युवाओं, किसानों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए करना चाहिए। 

200 से अधिक बैठकों की मेजबानी की उम्मीद

भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। इस साल दिसंबर से देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक जी-20 बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है। अगले साल नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है। इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों में जी-20 की कई बैठकें आयोजित की जाएगी।

इन देखों की होगी भागीदारी

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी बैठक में हिस्सा लेने से पहले ही कह दिया था कि, वह तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर इसमें हिस्सा लेंगी। जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर- सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

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