ऐतिहासिक स्थल मल्हार के भ्रमण में पहुंचे पत्रकारिता कॉलेज के विद्यार्थी, मां डिंडेश्वरी के इतिहास से रूबरू हुए

हजारों साल पुराने भारत की संस्कृति, कला और वैभव को जाना। वहीं माता डिंडेश्वरी देवी की ग्रेनाइट पत्थर से बनी प्रतिमा का दर्शन कर मंत्र मुग्ध हो गए।

ऐतिहासिक स्थल मल्हार के भ्रमण में पहुंचे पत्रकारिता कॉलेज के विद्यार्थी, मां डिंडेश्वरी के इतिहास से रूबरू हुए

रायपुर, जनजागरुकता। राजधानी रायपुर के मंहत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्र-छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण पर बिलासपुर संभाग के ऐतिहासिक स्थल मल्हार पहुंचे। जहां वे हजारों साल पुराने भारत की संस्कृति, कला और वैभव को जाना। वहीं माता डिंडेश्वरी देवी की ग्रेनाइट पत्थर से बनी प्रतिमा का दर्शन कर मंत्र मुग्ध हो गए। यह जानकर वे आश्चर्य में पड़ गए कि लगभग 3 फूट की यह प्रतिमा 90 करोड़ के आसपास की है। 

बता दें कि मंहत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी बिलासपुर जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल मल्हार 25 नंवबर को पहुंचे। जहां ऐतिहासिक स्थल पर माता डिंडेश्वरी का दर्शन किए। इस दौरान मंदिर में मौजूद पंडित रामकुमार चौबे ने बताया कि यह मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी में कल्चुरी वंश के राजाओं ने बनवाया था। माता पर उनकी बड़ी आस्था थी। पं. चौबे ने छात्र-छात्राओं के इतिहास से जुड़े सवालों का जवाब दिए। 

स्थानीय पत्रकार संजीव पांडेय ने प्रशिक्षु पत्रकारों को जानकारी दी कि माता डिंडेश्वरी की प्रतिमा ग्रेनाइड पत्थर की कलात्मक मूर्ति है जिसका काफी पुरातात्विक महत्व है, इसलिए इसका मूल्य लगा पाना कठिन काम है। उसके बाद विद्यार्थी एक जगह पर भोजन करने के बाद पूरे नगर का भ्रमण किया। हजारों साल पुरानी मूर्तियों, स्तंभों में उकेरी गई कला के सामने फोटो शूट कर भ्रमण का आनंद उठाया। इस दौरान पूरी तरह मल्हार के इतिहास से रूपरू हुए।

बता दें कि कॉलेज के बच्चे सुबह बस से मल्हार के लिए निकले थे। दिनभर भ्रमण के बाद रात को लौटे। शैक्षणिक भ्रमण का यह आयोजन प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी के मार्गदर्शन में विभागाध्यक्ष आरपी दुबे, सहयोगी शिक्षक शुभ्रा भट्टाचार्य, गीता शर्मा के सहयोग से किया गया।

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