‘मन की बात‘ जन आंदोलन का एक सशक्त मंच है : राज्यपाल हरिचंदन

राजभवन में हुआ ‘मन की बात‘ की 100वीं कड़ी का प्रसारण।

‘मन की बात‘ जन आंदोलन का एक सशक्त मंच है : राज्यपाल हरिचंदन

रायपुर, जनजागरुकता। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘मन की बात‘ कार्यक्रम की 100वीं कड़ी के प्रसारण के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह केवल एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि लोगों को प्रेरणा देने, हमारे बीच प्रेरक प्रसंगों को सामने लाने और नये भारत के निर्माण के लिए जरूरी विचारों को जनआंदोलन का रूप देने का एक सशक्त मंच है। वास्तव में मन की बात कार्यक्रम पूरे भारत की जनता की मन की बात है। मन की बात कार्यक्रम के 100वीं कड़ी के प्रसारण पर राजभवन में एक बृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पद्मश्री पुरूस्कार से सम्मानित विशिष्टजन, फिल्म, खेल, चिकित्सा क्षेत्र के विशिष्टजन, मन की बात में छत्तीसगढ़ के जिन व्यक्तियों का उल्लेख हुआ था, वे सभी विशिष्टजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

कार्यक्रम के 100वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों से जुड़ने का यह एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि नारीशक्ति की सैकड़ों प्रेरणादायी उपलब्धियों को सामने लाने का यह कार्यक्रम मंच बना है। उन्होंने बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के ग्राम देउरगांव की महिला स्वसहायता समूह का भी उल्लेख किया जो स्वच्छता अभियान से जुड़ कर अपने गांव की सड़कों, गलियों की साफ-सफाई का अभियान चला रही हैं।

हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, गोण्डी, हल्बी और सरगुजिया बोलियों में भी प्रसारित

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के साथ सीधे और दो-तरफा संवाद कर विकास की इस यात्रा में लोगों की भागीदारी को बढ़ाया है। ’मन की बात’ कार्यक्रम आकाशवाणी द्वारा 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है। आकाशवाणी के करीब 500 से अधिक केन्द्रों के साथ दूरदर्शन के सभी नेटवर्क इसका प्रसारण करते है। छत्तीसगढ़ में आकाशवाणी द्वारा इसे हिन्दी के साथ ही छत्तीसगढ़ी, गोण्डी, हल्बी और सरगुजिया बोलियों में भी प्रसारित किया जाता है।

पर्यावरण, स्वच्छता, स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की

राज्यपाल ने कहा कि देश के करीब 100 करोड़ लोगों ने मन की बात कार्यक्रम को कभी-न-कभी सुना है। करीब 23 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो नियमित रूप से मन की बात कार्यक्रम को सुनते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात की विभिन्न कड़ियों में पर्यावरण, स्वच्छता, स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी अब तक 700 से अधिक व्यक्तियों और 300 से अधिक संस्थाओं का उल्लेख कर चुके हैं।

जनजातीय महिलाओं की आत्मनिर्भर बनने की कहानी

प्रधानमंत्री ने मन की बात में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के केसला गांव के ग्रामीणों द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए अभिनव प्रयासों का उल्लेख किया कि किस तरह इस गांव के लोगों ने अभियान चलाकर शौचालयों का निर्माण किया। इसी तरह, प्रधानमंत्री जी ने माओवाद प्रभावित दंतेवाड़ा में ई-रिक्शा चला रही जनजातीय महिलाओं की आत्मनिर्भर बनने की कहानी का भी इस कार्यक्रम में उल्लेख किया था। इसी तरह से रायपुर नगर निगम द्वारा आयोजित किए गार्बेज फेस्टिवल का भी उल्लेख कर इसे एक अभिनव कदम बताया था। कोविड संकट काल के दौरान प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में हमारे स्वास्थ्यकर्मियों के अथक परिश्रम और संकल्प का उल्लेख करते हुए रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्टाफ नर्स भावना धु्रव से बात की थी।

गुमराह युवकों को सही राह दिखाने का काम कर रहे हैं

उन्होंने एक एपिसोड में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने गए काष्ठ शिल्प कलाकार अजय मंडावी का उल्लेख करते हुए कहा कि वे अपने प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गुमराह युवकों को सही राह दिखाने का काम कर रहे हैं। इसी एपिसोड में प्रधानमंत्री जी ने स्वास्थ्य के लिए मिलेट्स के महत्व को रेखांकित करते हुए छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मिलेट्स कैफे का भी विशेष रूप से उल्लेख किया था।

लोगों को नये भारत के निर्माण में सहभागी बनने के लिए प्रेरित

राज्यपाल ने कहा कि आज के कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की ऐसी अनेक हस्तियां मौजूद थी जिनका उल्लेख प्रधानमंत्री जी ‘‘मन की बात’’ की विभिन्न कड़ियों में कर चुके हैं। उन्होंने उन सभी का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी। साथ ही ‘‘मन की बात‘‘ कार्यक्रम के सफल प्रसारण के लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन की टीम को भी बधाई दी और विश्वास व्यक्त की यह कार्यक्रम नित-नये प्रेरक प्रसंगों के साथ अनवरत जारी रहेगा और लोगों को नये भारत के निर्माण में सहभागी बनने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

ये उपस्थित रहे 

कार्यक्रम में राज्यपाल को काष्ठशिल्पी पद्मश्री अजय मंडावी द्वारा इस विशेष अवसर के लिए बनाई गए काष्ठ कलाकृति भेंट की गई । इस अवसर पर डाॅ. ए. के दाबके, मदन चैहान, उषा बारले, अजय कुमार मंडावी़, डाॅ पुखराज बाफना, शांति नेताम, रोहिणी पटनायक, परदेशी राम वर्मा, प्रभंजय चतुर्वेदी, शमशाद बेगम, फूलबासन बाई, डोमन सिंह कुंवर, आकृति ताम्रकार, उमाशंकर कश्यप, चंद्रहास साहू, राजेंद्र प्रसाद, विश्वनाथ पाणिग्रही, धर्मपाल सैनी, राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, उपसचिव दीपक अग्रवाल, पी.आई.बी. के राज्य प्रमुख सुनील कुमार तिवारी, ऑल इंडिया रेडियो रायपुर के प्रमुख वी. राजशेखर, दूरदर्शन रायपुर के प्रमुख संतोष दैवहरे सहित नागरिक, मीडिया के सदस्य, अन्य अधिकारी -कर्मचारी उपस्थित थे।

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