सीएम भूपेश का खुलासा- शराब घोटाले में कोई एफआईआर नहीं, फिर जांच कैसी?
सीएम के अनुसार छापों में 'डिस्टिलर्स' ने शपथ पत्र दिया था कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। आरोप लगाया कि ईडी अब गलत काम करने का दावा कर रही है।
रायपुर, जनजागरुकता। प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया है कि जब शराब घोटाले में कोई एफआईआऱ दर्ज नहीं की गई थी फिर ईडी कैसे कार्रवाई कर सकती है। आईटी विभाग ने 2020 में 'डिस्टिलर्स' एवं अफसरों के यहां छापेमारी की थी। उन छापों में 'डिस्टिलर्स' ने शपथ पत्र दिया था कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन शपथ पत्र में सभी विवरण है। ईडी उन्हीं डिस्टिलर्स से पूछताछ कर रही है और अब गलत काम करने का दावा कर रही है।
सीएम बघेल के इस खुलासे से प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। सीएम ने खुलासा करते हुए कहा कि ईडी ने 2020 में आईटी (आयकर) विभाग की जांच के सिलसिले में छापे मारे हैं। हाल ही में सीएम बघेल ने कहा था कि ईडी ने कथित शराब घोटाले में कोई ईसीआईआर (प्रवर्तन मामलों की सूचना रिपोर्ट) दर्ज नहीं किया था। सीएम बघेल ने यह भी कहा कि जब तक प्रवर्तन मामलों की सूचना रिपोर्ट पंजीकृत नहीं की जाती तब तक ईडी कार्रवाई नहीं कर सकती है।
शराब मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं
सीएम ने कहा कि- शराब मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है। आईटी विभाग ने 2020 में 'डिस्टिलर्स' एवं अफसरों के यहां छापेमारी की थी। उन छापों में 'डिस्टिलर्स' ने शपथ पत्र दिया था कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन शपथ पत्र में सभी विवरण हैं। ईडी उन्हीं डिस्टिलर्स से पूछताछ कर रही है और अब गलत काम करने का दावा कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा- या तो शपथपत्र सही है, तो ईडी के छापे गलत हैं या अगर यह सही है तो आईटी के शपथपत्र गलत हैं। आखिर आईटी भी एक केंद्रीय एजेंसी है। 2020 में इसकी जांच के चलते शपथ पत्र तैयार किया गया था।
मुनाफाखोरों को ईडी ने बनाया गवाह
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि त्रिलोक ढिल्लो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसके पास क्या था? मीडिया के जरिए पता चला कि उसके पास 25 करोड़ रुपये की एफडी (मियादी जमा) थी। उसने एक असुरक्षित कर्ज लिया था। यह सब कागज पर है। ईडी उसे गिरफ्तार कर रही है। उसी वक़्त एक अन्य शराब बनाने वाले के परिसर में की गई छापेमारी में 26 करोड़ रुपये के गहने बरामद किए गए तथा वह गवाह बन गया। लाभ की स्थिति में अगर कोई है तो वह डिस्टिलर है क्योंकि वहां बोतलें, होलोग्राम बदले जाते हैं। बिना टैक्स वाली बोतलें कारखानों से निकलती हैं, तो सबसे पहले मुनाफाखोर कौन होगा, जाहिर तौर पर डिस्टिलर्स, लेकिन अब वे गवाह हैं।
ईडी की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण
सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि ईडी दुर्भावनापूर्ण तरीके से तहकीकात कर रही है, अन्यथा शराब बनाने वाले सलाखों के पीछे सबसे पहले पहुंचते।
टुटेजा व ढेबर पर पहले से कोर्ट में मामला लंबित
ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने कहा कि शराब घोटाले में आईएएस अनिल टुटेजा एवं कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ दिल्ली की एक कोर्ट में पहले से ही एक मामला लंबित है। इस मामले में ईसीआईआर दर्ज कर ली गई है। ईडी ने 2 हजार करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले के मामले में रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर समेत 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था।