CM Sai ने बारिश से धान को बचाने पुख्ता इंतजाम करने के दिए निर्देश..
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टरों को धान को बारिश से बचाने पुख्ता इन्तजाम करने के निर्देश दिए है। खाद्य मंत्री बघेल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
रायपुर, जनजागरुकता। सीएम विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) ने तमिलनाडू (Tamil Nadu) में आये चक्रवाती तूफान फेंगल के मद्देनजर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य में बारिश की संभावना को देखते हुए धान को बारिश से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश अधिकारियो को दिए हैं।
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल (Dayaldas Baghel) ने सभी जिलों के कलेक्टरों को धान को बारिश से बचाने पुख्ता इन्तजाम करने के निर्देश दिए है। खाद्य मंत्री बघेल (Dayaldas Baghel) ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सीएम विष्णु देव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी का महाअभियान चल रहा है। राज्य में अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 3.85 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 3706 करोड़ 69 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
खाद्य मंत्री बघेल (Dayaldas Baghel) ने बताया कि राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों में माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा दी है, प्रदेश के सभी 2058 सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम उपलब्ध कराई गई है, इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली-मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा हो रही है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से किसान बेहद प्रसन्न है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से धान के अवैध आवक, परिवहन की रोकथाम के लिए बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी रखने के लिए चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। धान खरीदी व्यवस्था पर निगरानी के लिए अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जो लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।