सीधा सबूत न हो तो भी भ्रष्ट नौकरशाहों को हो सकती है सजा
सुप्रीम कोर्ट का फैसला : भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नौकरशाहों की राह सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से और ज्यादा मुश्किल होने वाली है, Circumstantial Evidence के आधार पर उन्हें सजा दी जा सकती है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने कहा है कि अगर नौकरशाह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीधा सबूत न भी हो तो भी उन्हें सजा दी जा सकती है। ऐसे में परिस्थिजन्य साक्ष्यों (Circumstantial Evidence) के आधार पर उन्हें सजा दी जा सकती है। यानी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नौकरशाहों की राह सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से और ज्यादा मुश्किल होने वाली है। संवैधानिक बेंच ने अपने अहम निर्णय में उन्हें सजा दिलाने का नया रास्ता निकाल दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 15 दिसंबर को कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में अवैध लाभ हासिल करने के आरोप में कोई प्रत्यक्ष सबूत न होने की सूरत में किसी नौकरशाह को परिस्थिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी दोषी ठहराया जा सकता है। जस्टिस एसए नजीर की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ अभियोजन पक्ष को भी ईमानदार कोशिश करनी चाहिए, ताकि भ्रष्ट अफसरों को दोषी ठहराकर उन्हें सजा दी जा सके और शासन-प्रशासन को साफ-सुथरा व भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।
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