Government Doodhadhari Bajrang Mahila Mahavidyalaya में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आज से शुरू..
सेमिनार का विषय है मॉडर्न एस्पेक्ट्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल ने कहा कि विज्ञान में नित नए आविष्कार होते रहे हैं ।
रायपुर, जनजागरुकता। शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय (Government Doodhadhari Bajrang Mahila Mahavidyalaya) द्वारा 17,18 अक्टूबर 2024 को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार (international seminar) का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय है मॉडर्न एस्पेक्ट्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार (international seminar) के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (Pandit Ravi Shankar Shukla University) के कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल (Vice Chancellor Professor Sachchidanand Shukla) ने कहा कि विज्ञान में नित नए आविष्कार होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा ऐसा विश्वास है कि भविष्य में विज्ञान अध्यात्म से भी जुड़ेगा । भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान के प्रयोग देखे जा सकते हैं । हमें एक राष्ट्रीय नेटवर्क सिस्टम बनाना चाहिए जिसमें सभी अध्ययन संस्थाएं आपस में जुड़ें और अपने शोध साझा करें। कुलपति ने महाविद्यालय को शोध हेतु हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
संरक्षक, प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल (Dr. Kiran Gajpal) ने कहा कि महाविद्यालय शोध के क्षेत्र में बहुत सक्रिय है इसे क्यूरी प्रोजेक्ट मिला है , 96 शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं और कई शोध प्रोजेक्ट चल रहे हैं। देश आज हरित ऊर्जा के क्षेत्र में तीव्रता से बढ़ते हुए सतत् विकास कर रहा है । आज विज्ञान का प्रयोग एआई, साइबर सिक्योरिटी ,बायो टेक्नालॉजी, जीनोम सभी में हो रहा है जिससे नई उपलब्धियां हासिल हो रही है और जीवन जीने की गुणवत्ता बढ़ी है ।
आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. उषाकिरण अग्रवाल (Dr. Ushakiran Agarwal) ने विज्ञान के लिए कहा कि "तुम को क्या कहूं, जेसी बोस की पौधों से गुफ्तगू या हरगोबिंद खुराना की मानव पहचान, या फिर हो तुम ,किरणों के रमन इफेक्ट में, मानव के हर क्षण में तुम ,तुम विज्ञान हो।"
कार्यक्रम की संयोजक रसायन शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मनीषा मिश्रा (Dr. Manisha Mishra) ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी आधुनिक पहलुओं पर चर्चा करके यह प्रयास किया जाएगा कि कुछ नए विश्लेषण पूर्ण परिणाम हासिल किए जा सके। भौतिक शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मोहन लाल वर्मा ने प्रौद्योगिकी से आई नई क्रांति से रक्षा क्षेत्र ,खाद्य क्षेत्र और चिकित्सा क्षेत्र की सुविधाओं की चर्चा की । मुख्य वक्ता प्रोफेसर कल्लोल कुमार घोष ने अपने बीज वक्तव्य में विकसित भारत के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का महत्व बताया।
कार्यक्रम की आयोजक सचिव डॉ रागिनी पांडे (Dr. Ragini Pandey) ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ रमा सरोजिनी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया । सेमिनार (international seminar) हेतु आए 100 शोधपत्रों के एब्सट्रेक्ट को संग्रहित कर स्मारिका का विमोचन किया गया । डॉ प्रकाश कौर और मधुलिका पांडव की पुस्तक का विमोचन भी किया गया। आयोजन समिति में आयोजक सचिव डॉ श्याम बाबू सिंह, तथा सदस्य डॉ अल्का तिवारी, हेमलता साहू ,कविता ठाकुर , प्रतिभा साहू ,कैरोलिन एक्का की सक्रिय सहभागिता रही। प्रथम सत्र में डॉ नमिता ब्रह्मे का व्याख्यान हुआ। कुल 240 पंजीयन हुए। सभी महाविद्यालय से प्राध्यापकों और शोधार्थियों ने प्रतिभागिता की। शोधपत्रों का वाचन भी किया गया। इटली, अमेरिका, तथा अन्य देशों से शोधपत्र का वाचन किया गया।