तस्करों के निशाने पर दुधारू पशु, पुलिस ने बचाई 200 मवेशियों की जान
ट्रकों में भरकर पश्चिम बंगाल ले जाने के दौरान ओडिशा क्राइम ब्रांच की स्पेशल टास्क फोर्स पहुंची और मवेशियों की जान बचाई।
भुवनेश्वर, जनजागरुकता डेस्क। मवेशी तस्कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब वे मार्गों पर विचरण करने वाले मवेशियों की तस्करी करने लगे हैं। इधर-उधर जहां भी मवेशी दिखाई दे रहे हैं तस्कर सूनेपन का लाभ उठाने लगे हैं। या फिर दुधारू पशुओं को अधिक पैसे का लालच देकर किसानों से खरीद रहे हैं। इसे अधिक दामों पर बूचड़खानों को बेच दे रहे हैं।
शुक्रवार को एक मामला ओडिशा-झारखंड सीमा पर सामने आया है। जहां 200 से अधिक पालतु पशुओं को ट्रक से छुड़ाया गया। जानकारी अनुसार ट्रकों में भरकर पश्चिम बंगाल ले जाने के दौरान ओडिशा क्राइम ब्रांच की स्पेशल टास्क फोर्स पहुंची और मवेशियों की जान बचाई। स्थानीय लोगों के अनुसार ये तस्कर अब सड़कों पर बैठे, खुले में विचरने वाले पशुओं को उठा कर ट्रकों में भर कर ले जाने लगे हैं।
सूचना पर पहुंची पुलिस
शुक्रवार को पकड़े गए पशुओं के बारे में आईआईसी फनींद्र भूषण नायक ने जानकारी दी कि मवेशियों को पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था। इसी दौरान सूचना मिली कि ट्रकों में भरकर मवेशियों को ले जाया जा रहा है। उसके बाद टीम पहुंचकर कार्रवाई की और पशुओं को छुड़ाया। वर्तमान में सभी पशुओं को पालन केंद्र भेज दिया गया है।
कम पैसे में लेकर बूचड़खानों में बेचते हैं
बताया गया कि स्थानीय लोगों की मदद से बंगाल के तस्कर यहां आकर पशु पालकों से सौदा करते हैं। उन्हें अधिक पैसे का लालच देकर मवेशी खरीदते हैं और पश्चिमबंगाल ले जाकर बूचड़खानों में ऊंचे दामों पर बेचते हैं।
स्थानीय लोगों को बनाते हैं शिकार
यहां खास बात ये है कि पश्चिम बंगाल के तस्कर खुद को पशु क्रूरता अपराधों से बचाने के लिए मयूरभंज के बाजार में स्थानीय लोगों को पैसे का लालच देते हैं। उनके माध्यम से पशुओं को राज्य की सीमाओं के बाहर ले जाने के लिए मदद लेते हैं।