पूरी दुनिया में तीन सौ से अधिक रामायण लिखा गया, मुस्लिम देशों में अनुवाद ..पर उद्देश्य एक
इतनी भाषाओं में कभी किसी धर्म ग्रथों की रचना नहीं की गई और न ही की जा सकती है।
जीवन मंत्र.. मानें चाहे न मानें..
जनजागरुकता, धर्म डेस्क। सनातन धर्म के आदि पुरुष, भारत के आदर्श, भारत के अराध्यदेव भगवान राम के जीवन पर पूरी रामायण की कथा है। भारत में अलग-अलग प्रांत, भाषा के अनुसार अलग-अलग रामायण की रचना की गई है। भगवान राम-सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के आदर्श जीवन लीलाओं का इसमें चित्रण है। इसमें सभी का उद्देश्य एक ही रहा है। आदर्श जीवन का चरित्र वर्णन.. रामायण के अनुसार आदिकाल से भारत की धरती के वासियों का जीवन चलता रहा है और चलता रहेगा।
हम बताने जा रहे हैं रामायण की प्रांत-भाषाओं के आधार पर रामायण की रचना के बारे में.. माना जाए संभवतः यह सूची पूर्ण नहीं हो सकती क्योंकि और भी अनेक भाषा, बोली में रामायण हो सकते हैं..
अब तक के मिले रिकॉर्ड के अनुसार पूरी दुनिया में तीन सौ से अधिक रामायण लिखे जा चुके हैं। आदिकाल से प्रांत-भाषा अनुसार रामायण की रचना की गई, ..पर उद्देश्य एक ही रहा है।
सनातन धर्म- हिन्दू धर्म में अब तक की मिली जानकारी व सूची के अनुसार ये रामायण प्रचलित हैं..
वाल्मीकि रामायण, अध्यात्म रामायण, आनंद रामायण, वशिष्ठ रामायण, याज्ञवल्क्य, रामायण, रामचरितमानस, कंब रामायण, कृत्तिवास रामायण, अद्भुत रामायण, तत्वार्थ, रामायण, संजीवनी रामायण, सर्वार्थ रामायण, उत्तर रामचरितम्, प्रतिमानाटकम्, राघवेन्द्रचरितम्, हनुमन्नाटकम्, रघुवंशम्, अभिषेकनाटकम्, जानकीहरणम्, राधेश्याम रामायण
इसके अलावा..
लोमश संहिता में रामायण
हनुमत् संहिता में रामायण
शुक संहिता
बृहत्कौशल खंड
भुशुण्डी रामायण
विलंका रामायण (सारलादास कृत उड़िया)
वहीं...
दशरथ जातकम्
अनामक जातकम्
दशरथ कहानम् आदि (बौद्ध ग्रन्थों में रामायण)
पउमचरिउ (21 ई.)
विमलसूरि कृत रामायण (प्राकृत में)
रविवेषणाचार्य कृत रामचरित (संस्कृत में)
स्वयंभू कृत् पउमचरिउ अपभ्रंश (नवम्, 21ई.)
अभिनव पम्पकृत (कन्नड़)
रामचन्द्रचरित पुराण (1121ई.)
गुणभद्र कृत् रामायण (संस्कृत)
उत्तरपुराण (नवम् -21 ई.)
जैन ग्रन्थों में रामायण
इतनी भाषाओं में हुई है रामायण की रचना व संख्या
हिंदी भाषा में 11
मराठी भाषा में 08
बांग्ला भाषा में 25
तमिल भाषा में 12
तेलगू भाषा में 12
उड़िया लिपि में 6 रामायण हैं
"राम चरित शतकोटि अपारा"
सहस्रों करोड़ बार रामायण लिखी-गाई गई है।
अन्य देशों के उदाहरण देखें..
नेपाल में भानुभक्त कृत "नेपाली रामायण"
भूटान में पदमपाहुस रामायण
श्रीलंका में कुमारदास रचित "जानकी हरण" रामायण (512-521ई.)
सिंहली भाषा में राम कथा "मलेराज की कथा" (700 bc)
बर्मा में "रामवत्थु" रामायण
चीन में यूतोकी रामयागन
इंडोचीन क्षेत्र में खमैर रामायण
तुर्की में खोतानी रामायण
जावा में रामकैलिंग रामायण
सेरतराम रामायण
सैरीराम रामायण
थाईलैंड में रामकियैन रामायण
फिलीपींस
फिलीपींस की मारनव भाषा में संकलित "मसलादिया लाबन", जो विकृत रामायण है..
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में सबसे प्राचीन शास्त्रीय भाषा कावी में काकावीन द्वारा रचित "रामायण काकावीन"
मुस्लिम राष्ट्रों में भी रामायण का अनुवाद
कतर के दोहा में..
कतर के दोहा में मुझ गल रामायण नाम से रामायण का अरेबिक अनुवाद, जिसे हमीदा बानो ने अनुवाद कराया था, जो 16 मई 1594 को पूर्ण हुआ था।
मलेशिया के इस्लामीकरण के बाद लिखी गई..
मलेशिया के इस्लामीकरण के बाद 1633 में मलय रामायण की सबसे प्राचीन पांडुलिपि बोडलियन पुस्तकालय में संरक्षित कर दी गई थी। मलेशिया में "हिकायत सेरीराम" रामायण है।
मंगोलिया
मंगोलिया में अनेक रामायण प्राप्त हुई हैं। मंगोलियन भाषा में लिखित चार रामायण दम्दिन सुरेन ने खोजी थी। इनमें "राजा जीवक की कथा" सबसे प्रसिद्ध है। वर्तमान में लेनिनग्राद में मंगोलियन रामायण सुरक्षित है।
जापान
जापान में कथा संग्रह ग्रन्थ "होबुत्सुशू" में रामकथा संकलित
तिब्बत
तिब्बत में "किंरस-पुंस-पा" नाम से रामायण
अन्त में पुनः
"राम चरित शतकोटि अपारा।
श्रुति सारदा न बरने पारा ।।"
इनके अतिरिक्त संसार भर से तीन सौ से अधिक रामायण प्राप्त हुई हैं। नानाविध रूपों में, अनेक देशों, अनेक भाषाओं में रामकथा का प्राप्त होना ही यह सिद्ध करता है कि श्रीराम सकल विश्व में व्याप्त थे, रहे और आगे भी रहेंगे।
पूरी दुनिया में इतनी भाषाओं में केवल रामायण की रचना हुई
ये बात साबित करता है कि पूरी दुनिया में केवल मानव धर्म को मानने वाले ही थे। बाद में अनेक धर्मों में बंटते गए। इतनी भाषाओं में कभी किसी धर्म ग्रथों की रचना नहीं की गई और न ही की जा सकती है।
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