अब बरसात भरोसे नहीं किसान, खेतों तक सीधे पहुंच रहा सोन नदी का पानी
मरवाही के पथर्रा गांव के 200 से ज्यादा किसानों की खेती को सूक्ष्म सिंचाई योजना से नया जीवन मिला है।
जनजागरुकता सरोकार
मरवाही, जनजागरुकता। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के नए जिले बनने के बाद अब उन गांवों में भी विकास और सहूलियतें मिलने लगी हैं, जहां कभी सरकार का पहुंचना आसान नहीं था। मरवाही के दूरस्थ अंचल में बसे ग्राम पथर्रा के करीब 200 किसानों के खेतों को नया जीवन मिलने जा रहा है। ये किसान बरसात के पानी के भरोसे खेती करते आए हैं लेकिन अब इन्हें धान के अलावा दूसरी फसल के लिए भी पानी मिल रहा है।
दूसरी फसल के रूप में इन किसानों ने अब सब्जियों और फलों की खेती शुरू कर दी है। आखिर यह कैसे संभव हुआ, यह वहां के लोगों की जुबानी सत्यापित किया जा सकता है।
सोन नदी का पानी खेतों तक पहुंचाया सरकार ने
मैं शुरू से धान की खेती करता रहा हूं, पर कई बार बारिश ठीक नहीं होने से खेती प्रभावित हुई है। पैदावार भी अच्छी नहीं रही लेकिन अब मेरी खेती से मुझे डबल फायदा होने वाला है।
धान के साथ-साथ मैंने एक एकड़ खेत में टमाटर लगाए हैं। दूसरी फसल के लिए भी मैंने तैयारी शुरू कर दी है। यह संभव इसलिए हो पाया है क्योंकि दो किलोमीटर दूर सोन नदी का पानी अब मेरे खेत तक पहुंचने लगा है।’ यह कहना है मरवाही ब्लॉक के पथर्रा गांव के श्री शिवनायक सिंह उइके का, जिन्होंने सरकार का धन्यवाद कर पानी मिलने पर खुशी जाहिर की।
ढाई सौ किसानों के खेतों में ड्रिप इरिगेशन की सुविधा
उल्लेखनीय है कि सीएम भूपेश बघेल ने यह पहले ही कहा था कि जिन गांवों तक नहर नहीं है, वहां पानी की वैकल्पिक व्यवस्थाओं और तकनीकी मदद से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मरवाही ब्लॉक के इस पथर्रा गांव में स्टॉपडैम पर सूक्ष्म लिफ्ट सिंचाई तकनीक के जरिए सिंचाई की सुविधा शुरू की गई है। इसके जरिए करीब ढाई सौ किसानों के खेतों में ड्रिप इरिगेशन तकनीक के जरिए पाइप बिछाकर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
सब्जी लगा लाभ कमा रहे किसान
सूक्ष्म सिंचाई योजना से ग्राम-परसाई, मरवाही के किसानों की आय अब दोगुनी होने लगी है। धान के अलावा दूसरी फसलों को लगाने का किसानों में आत्मविश्वास बढ़ा है। किसान धान के अलावा अब सब्जियों की खेती कर लाभ कमाने लगे हैं। janjaagrukta.com