ए सादगी के कायल हे जनताः घरेलू महिला की तरह अपने निवास पर ठेठरी-खुर्मी बना रहीं सीएम की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल

सीएम भूपेश बघेल अपने ठेठ देसी अंदाज़ के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में लोगों के दिलों में जगह बना चुके हैं। इसी क्रम में पत्नी लगातार अपने सादगी भरे आचरण से लोगों का दिल जीत रही हैं।

ए सादगी के कायल हे जनताः घरेलू महिला की तरह अपने निवास पर ठेठरी-खुर्मी बना रहीं सीएम की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल
ए कराही म खाली ठेठरी-खुर्मी नो हे, हमर छत्तीसगढ़िया मिट्टी घलो महकत हे...

वीरेंद्र शुक्ला
रायपुर, जनजागरूकता। छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण त्योहार तीजा और पोला में शामिल होने के लिए 27 अगस्त को रायपुर आ रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीएम भूपेश बघेल ने अपने निवास पर आमंत्रित किया है। सीएम भूपेश बघेल अपने ठेठ देसी अंदाज़ के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में लोगों के दिलों में जगह बना चुके हैं। इसी क्रम में उनकी पत्नी लगातार अपने सादगी भरे आचरण से लोगों का दिल जीत रही हैं। वे कभी राजनीतिक बयानबाजी नहीं करतीं और न ही उनमें पति के सीएम होने का कोई दंभ ही नजर आता है।

मूलतः किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के हर पारंपरिक त्योहार को पूरी संजीदगी से स परिवार मनाते हैं और लोगों को इसमें शामिल भी करते हैं। अपने जन्मदिन पर हाल ही में उन्होंने ओपन हाउस में ऐसा ही आयोजन कर अपने आंगन का दायरा बढ़ाया था।

छत्तीसगढ़ का लोकप्रिय त्योहार पोला कल 27 अगस्त को है  व तीजा 30 अगस्त को है। तीजा में महिलाएं पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इन दिनों महिलाएं इन त्योहारों के लिए पारंपरिक व्यंजन बनाने में व्यस्त हैं। इसी क्रम में सीएम भूपेश बघेल की धर्मपत्नी फोटो में अपने निवास पर व्यंजन बनातीं नजर आ रही हैं और सीएम और उनके परिवार को चाहने वाले लोग अपनी-अपनी पसंद के मुताबिक अच्छे भाव लिखकर यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं और बघेल तथा उनकी धर्मपत्नी को सद्भावना संदेश भी दे रहे हैं। 

सादगी का दूसरा नाम है मुक्तेश्वरी बघेल
भूपेश बघेल की धर्मापत्नी मुक्तेश्वरी बघेल पूरी तल्लीनता से अपने किचन में इन व्यंजनों जिनमें ठेठरी-खुरमी शामिल हैं, को घरेलू महिला की तरह बनाने में व्यस्त हैं। बताना जरूरी है कि मुक्तेश्वरी बघेल कभी भी सार्वजनिक जीवन में रौब, रुदबे और सीएम की पत्नी होने का दंभ भरतीं कभी नजर न आ कर बल्कि वे जब भी सोशल मीडिया पर नजर आईं हमेशा सादे और पारंपरिक लिबास में दिखीं। 

छत्तीसगढ़िया अस्मिता को गौरव देने का मिट्टी से जुड़ा प्रयास है ये
यह पहला मौका नहीं है जब मुक्तेश्वरी बघेल इस तरह अपने ठेठ देहाती अंदाज में सामने आई हों, गांव में महिलाएं इसी तरह के देहाती अंदाज में रहती आई हैं। मुक्तेश्वरी बघेल भी उन्हीं महिलाओं का एक प्रतिनिधि चेहरा है। इधर जब भी सीएम भूपेश बघेल भौंरा चलाते, गेड़ी चढ़ते, खारून में डुबकी लगाते, गिल्ली-डंडा खेलते पारंपरिक अंदाज में नजर आते हैं तो राजनीतिक विरोधी जो भी तंज कसें पर भूपेश बघेल इस पारंपरिक अंदाज में दरअसल छत्तीसगढ़ की अस्मिता को गौरव प्रदान करते नजर आते हैं। 

यह भूपेश बघेल की जनस्वीकारोक्ति है
अपनी मिट्टी और त्योहारों से इस तरह जमीन से जुड़े सीएम को लोग भी उसी अंदाज में स्वीकार करते हैं यह उनकी जन स्वीकारोक्ति भी है जिसे विरोधी पचा नहीं पाते। दरअसल सीएम के जमीन से जुड़े इस अंदाज का विपक्ष के पास जवाब भी नहीं है इसलिए राजनीतिक तंज जरूर कसते हैं।