दुनिया को भारत से बड़ी उम्मीद- चीन की बढ़ती ताकत से चिंतित जापान ने मोदी को किया जी7 बैठक के लिए आमंत्रित
पूरी दुनिया को पता है कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन लगातार ताकत बढ़ा रहा है। यही वजह है कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड बनाकर चीन की चुनौती से निपटने की योजना बनाई है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता। भारत से दुनिया के बड़े देशों को भी बड़ी उम्मीद है। आर्थिक विकास की दृष्टि से हो चाहे व्यापार, रक्षा क्षेत्र या रोजगार का साधन को लेकर दुनिया भर के देश भारत के साथ अपने संबंध बनाकर गर्व महसूस करने लगे हैं। हाल ही में एक गर्व की बात और सामने आई है। जी7 की बैठक के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है।
पूरी दुनिया को पता है कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है। यही वजह है कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड बनाकर चीन की चुनौती से निपटने की योजना बनाई है। जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
क्रिटिकल टेक्नोलॉजी, डिजिटल मुद्दों पर चर्चा
बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच क्रिटिकल टेक्नोलॉजी, डिजिटल समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। लॉजिस्टिक, फूड प्रोसेसिंग, स्टील, एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज के रूप में मना रहे हैं। जापानी पीएम ने मई में जी7 की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
बैठक के बाद क्या बोले दोनों देशों के नेता
जापानी पीएम से आज की मुलाकात भी दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिहाज से अहम है। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी, आपसी लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन पर आधारित है। जापानी पीएम किशिदा ने कहा कि उन्होंने मोदी को जी7 के हिरोशिमा समिट में शामिल होने का न्यौता दिया है और उन्होंने न्यौते को स्वीकार भी कर लिया है।
जापान में भी आर्थिक तरक्की होगी
किशिदा ने कहा कि दोनों देश कार्बन उत्सर्जन कम करने और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे। हमारे भारत के साथ बढ़ते आर्थिक सहयोग से ना सिर्फ भारत को फायदा होगा बल्कि इससे जापान में भी आर्थिक तरक्की होगी। जापान अगले पांच सालों में भारत में पांच ट्रिलियन येन का निवेश करेगा। इससे पहले सोमवार सुबह जापानी प्रधानमंत्री दिल्ली पहुंचे। जापानी प्रधानमंत्री के दौरे का उद्देश्य भारत और जापान के बीच रक्षा, व्यापार, निवेश और उच्च तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है।
चीन की चुनौती से निपटने पर फोकस
बता दें कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है। यही वजह है कि मुक्त हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के लिए भारत और जापान के बीच पेट्रोलिंग बढ़ाने, मेरीटाइम कानूनों का पालन कराने की क्षमता बढ़ाने, साइबर सुरक्षा, डिजिटल और हरित ऊर्जा समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। भारत और जापान लगातार चीन की बढ़ती चुनौती का सामना कर रहे हैं। चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। वहीं चीन सेनकाकु द्वीप पर भी अपना अधिकार जमाता है, जिसे लेकर जापान के साथ उसका विवाद चल रहा है।
भारत और जापान के बीच 3 बार हो चुकी बैठक
भारत और जापान के बीच बढ़ते सहयोग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम फुमियो किशिदा के बीच साल 2022 में तीन बार मुलाकात हुई। साल 2023 में भी दोनों नेताओं के बीच 3 बार मुलाकात होगी। जिसमें जी20, जी7 और क्वाड की बैठक शामिल है।