सीआईडी ने की अल सुबह 3 बजे पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी
आंध्र प्रदेश में एपी कौशल विकास निगम घोटाला मामले में हुई कार्रवाई में नायडू को नंदयाला में हिरासत में लिया गया। साथ ही पुलिस ने उनके बेटे नारा लोकेश को भी पूर्वी गोदावरी जिले में गिरफ्त में लिया गया।
अमरावती, जनजागरुकता डेस्क। भ्रष्टाचार के मामले में 2021 में दर्ज एफआईआर पर टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की सुबह-सुबह गिरफ्तारी की गई है। आंध्र प्रदेश के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने यह कार्रवाई एपी कौशल विकास निगम घोटाले पर की है। शारीरिक परेशानी को देखते हुए गिरफ्तारी के बाद पहले उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
आंध्र प्रदेश के आपराधिक जांच विभाग ने एन चंद्रबाबू नायडू को नंदयाला में गिरफ्तार किया। साथ ही आंध्र प्रदेश पुलिस ने उनके बेटे टीडीपी नेता और पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को भी पूर्वी गोदावरी जिले में हिरासत में लिया।
सुबह 3 बजे घेरी शिविर
इस कार्रवाई में नंदयाल रेंज के पुलिस डीआइजी रघुरामी रेड्डी और अपराध जांच विभाग (सीआइडी) की संयुक्त टीम साथ रही। पुलिस की एक बड़ी टीम ने नंदयाल के आरके फंक्शन हॉल में स्थित नायडु के शिविर को सुबह 3 बजे घेरकर उनको हिरासत में लिया। नायडु की गिरफ्तारी के समय पुलिस को वहां मौजूद टीडीपी समर्थकों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा।
समर्थकों ने किया हंगामा
गिरफ्तारी के दौरान समर्थकों ने पुलिस को चंद्रबाबू नायडु के वाहन के पास जाने से रोक रहे थे, लेकिन पुलिस ने नायडू को उनके वाहन से बाहर निकाला और गिरफ्तार किया। डीआईजी ने कहा उन्हें एपी कौशल विकास निगम घोटाले में गिरफ्तार किया गया है।
जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे
एन चंद्रबाबू नायडू के वकील ने मामले पर कहा कि हाई ब्लड प्रेशर और शुगर का पता चलने के बाद सीआईडी चंद्रबाबू को मेडिकल जांच के लिए ले गई है। हम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। गिरफ्तारी पर चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया से कहा, 'मैं किसी भी भ्रष्टाचार मामले में शामिल नहीं हूं। सीआईडी बिना किसी सबूत के मुझे गिरफ्तार की है। मैंने जब उनसे सबूत मांगा तो उन्होंने मुझे दिखाने से इनकार कर दिया और मेरा नाम एफआईआर में जोड़ दिया।'
गैर जमानती अपराध
जानकारी के मुताबिक, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 50(1)(2) के तहत जारी नोटिस के अनुसार नायडू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता की धारा में गिरफ्तार किया गया है। बताया गया कि यह गैर जमानती अपराध है। इस मामले में अब केवल अदालत से ही जमानत मिल सकती है।