अच्छी खबर- राजस्थान में मिला बेशकीमती धातु लिथियम का अकूत भंडार
अब दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, भारत की 80 फीसदी डिमांड अकेले डेगाना से संभव है।
जयपुर, जनजागरुकता डेस्क। ईवी बैटरी में प्रमुख घटक के रुप काम आने वाला बेश कीमती लिथियम का भंडार राजस्थान के डेगाना में मिला है। जो भारतीयों के लिए बड़ी खुशी की बात है। लिथियम की डिमांड पूरी दुनिया में है। भारत को लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस भंडार के मिलने से भारत की चिंता काफी हद तक दूर हो गई है। इससे पहले जम्मू और कश्मीर में लिथियम का भंडार मिला था।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के डेगाना में मिले भंडार अकेले भारत के 80 फीसदी डिमांड पूरा कर सकती है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मिले लिथियम भंडार 5.9 मिलियन टन है।
ईवी बैटरी में प्रमुख घटक
बता दें लिथियम दुनिया की सबसे हल्की और मुलायम धातु है। खनिज रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में संग्रहित करता है। लिथियम एक अलौह धातु है और ईवी बैटरी में प्रमुख घटकों में से एक है। वर्तमान में, भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है। यह इलेक्ट्रिक वाहन योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। चीन दुनिया के 58 फीसदी लिथियम, चिली 29 फीसदी और अर्जेंटीना 10 फीसदी संसाधित करता है।
देश की 80 फीसदी मांग को पूरा कर सकती है
अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के डेगाना में लिथियम के भंडार का पता लगाया गया है। खनन के साथ-साथ भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अधिकारियों ने कहा कि भंडार हाल ही में जम्मू और कश्मीर में पाए गए भंडार से अधिक कहा जाता है। अधिकारियों के अनुसार यहां से लीथियम की मात्रा देश की 80 फीसदी मांग को पूरा कर सकता है। डेगाना की रेनवेट पहाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में लिथियम के भंडार पाए गए हैं, वही स्थान जो कभी देश के बाकी हिस्सों में टंगस्टन की आपूर्ति करता था। 1914 में क्षेत्र में टंगस्टन खनिज की खोज की गई थी।
ऑस्ट्रेलिया, चिली लिथियम का सबसे बड़े उत्पादक देश
वर्तमान में, दुनिया का 47 प्रतिशत लिथियम ऑस्ट्रेलिया में, 30 प्रतिशत चिली में और 15 प्रतिशत चीन में उत्पादित होता है। हालांकि, चीन दुनिया के 58 प्रतिशत लिथियम, चिली 29 प्रतिशत और अर्जेंटीना 10 प्रतिशत संसाधित करता है।