सरकार उठाएगी महंगे टमाटर का बोझ, मिलेगी राहत
जनता को राहत पहुंचाने के लिए अब सरकार टमाटर बेचने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ को इसके लिए निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। प्राकृतिक आपदा ने सब्जियों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। फसल खराब होने से टमाटर के पौधों को बड़ा नुकसान हुआ है। इसलिए आसमान छूती कीमतों से जनता को राहत देने के लिए कीमतों में कमी लाने सरकार ने खुद ही टमाटर बेचने का फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) को निर्देश दिया है, जिसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर खरीदने को कहा गया है।
14 जुलाई से मिलेगी राहत
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा, ‘टमाटर का स्टॉक 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर में ग्राहकों को रियायती कीमतों पर बेचा जाएगा। टमाटरों को प्रमुख उपभोग सेंटर्स में बांटा जाएगा। जहां पिछले एक माह में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जुलाई में हर साल बढ़ता है कीमत
मंत्रालय के अनुसार, टमाटर जारी करने के लिए केंद्रों की पहचान पिछले एक माह में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के आधार पर की गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है। जुलाई में मानसून की वजह से कीमतों में वृद्धि होती है। बता दें कि देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमत 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई है।
कई राज्यों से टमाटर की आवक
बता दें कि गुजरात, मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों के बाजार में होने वाली आपूर्ति अधिकांश महाराष्ट्र के सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है। आंध्र प्रदेश के चित्तूर में भी टमाटर की सप्लाई जारी है। दिल्ली-एनसीआर में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है।