High Court ने माना मनगढ़ंत कहानी, दुष्कर्म पीडि़ता की याचिका खारिज..
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पीडि़ता की कहानी कानून में स्वीकार्य योग्य नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में न्यायालय के न्याय दृष्टांतों का भी हवाला दिया है और अपने फैसले का आधार भी इन्हीं न्याय दृष्टांतों को बनाया है।

रायपुर, जनजागरूकता। हाईकोर्ट (High Court) ने दुष्कर्म पीडि़ता की कहानी को मनगढ़त बताते हुए खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पीडि़ता की कहानी कानून में स्वीकार्य योग्य नहीं है।
दरअसल, कोरबा की युवती ने अपनी याचिका में कहा कि, वह एक ब्यूटी पार्लर में काम करती है और दिसंबर 2012 में काम के सिलसिले में ट्रेन से कोलकाता (Kolkata) जा रही थी, जब उसकी मुलाकात ट्रेन में एक युवक से हुई। बातचीत के दौरान युवक ने रायगढ़ जिले की एक निजी कंपनी में अपनी पहचान और जान-पहचान का हवाला देते हुए नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान हुआ और फिर तीन दिसंबर को युवक ने उसे फोन कर धरमजयगढ़ आने को कहा। सात दिसंबर को युवती धरमजयगढ़ पहुंची और युवक से संपर्क किया। युवक ने उसे होटल में ठहराया और अगले दिन कंपनी का आफिस दिखाने के बहाने जंगल में ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती की। धमकी देने के बाद युवक ने उसे बस स्टैंड छोड़ दिया। युवती ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल जांच करवाई और मामला रायगढ़ कोर्ट में पेश किया।
बता दे, निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पीडि़ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज को कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पीडि़ता की कहानी कानून में स्वीकार्य योग्य नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में न्यायालय के न्याय दृष्टांतों का भी हवाला दिया है और अपने फैसले का आधार भी इन्हीं न्याय दृष्टांतों को बनाया है।janjaagrukta.com