International Women’s Day 2025: जानिए भारत की उन प्रेरणादायक महिलाओं के बारे में, जिन्होंने अपने साहस और सफलता से रचा इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है, ताकि समाज में महिलाओं की भूमिका और योगदान को सम्मान दिया जा सके।

राष्ट्रीय, जनजागरुकता डेस्क। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है, ताकि समाज में महिलाओं की भूमिका और योगदान को सम्मान दिया जा सके। इस अवसर पर, आइए उन महान भारतीय महिलाओं को याद करें जिन्होंने अपने साहस, संकल्प और कड़ी मेहनत से इतिहास में अमिट पहचान बनाई है।
अहिल्याबाई होल्कर
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को मराठा साम्राज्य के चूंडी गाँव में हुआ था। वे भारत की सबसे सम्मानित महिला शासकों में से एक थीं। पति और ससुर की मृत्यु के बाद उन्होंने मालवा की सत्ता संभाली और प्रशासन व सैन्य दोनों क्षेत्रों में अपनी दक्षता साबित की। उनके कुशल नेतृत्व में मालवा एक समृद्ध और स्थिर राज्य बना रहा।
आनंदीबाई जोशी
31 मार्च 1865 को जन्मीं आनंदीबाई जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टरों में से एक थीं। उन्होंने अमेरिका में चिकित्सा की पढ़ाई पूरी की और वहाँ से डिग्री प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनकी उपलब्धि ने कई भारतीय महिलाओं को शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
अन्ना चांडी
अन्ना चांडी भारत की पहली महिला न्यायाधीश थीं। 1937 में वे जिला न्यायाधीश बनीं और 1959 में केरल हाईकोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुईं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले दिए।
अरुणा आसफ अली
16 जुलाई 1909 को जन्मी अरुणा आसफ अली भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख क्रांतिकारी थीं। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने बॉम्बे के गोवालिया टैंक मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी। स्वतंत्रता के बाद वे दिल्ली की पहली मेयर बनीं और 1997 में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
इंदिरा गांधी
19 नवंबर 1917 को जन्मी इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहीं। उनके कार्यकाल में 1971 का बांग्लादेश युद्ध और हरित क्रांति जैसी ऐतिहासिक घटनाएँ हुईं। 1984 में उनकी हत्या कर दी गई, लेकिन वे आज भी भारत की सबसे प्रभावशाली महिला नेताओं में गिनी जाती हैं।
कल्पना चावला
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा में हुआ था। वे अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। 1997 में उन्होंने पहली बार अंतरिक्ष मिशन पर उड़ान भरी। 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में उनका निधन हो गया, लेकिन वे आज भी विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं।
लक्ष्मी सहगल
24 अक्टूबर 1914 को जन्मी लक्ष्मी सहगल भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की एक प्रमुख सदस्य थीं। वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 'झांसी की रानी रेजिमेंट' की कमांडर थीं और द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ीं। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।
लता मंगेशकर
28 सितंबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर को 'स्वर कोकिला' कहा जाता था। उन्होंने सात दशकों तक हिंदी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में हजारों गीत गाए। उनकी मधुर आवाज़ ने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। 2001 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
रानी लक्ष्मीबाई
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को हुआ था। वे 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख योद्धाओं में से एक थीं। जब ब्रिटिश सेना ने झांसी पर आक्रमण किया, तो उन्होंने वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा और अंत तक संघर्ष करती रहीं। उनका प्रसिद्ध कथन "मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी" आज भी प्रेरणा देता है।
सरोजिनी नायडू
13 फरवरी 1879 को जन्मीं सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और समाजसेवी थीं। उन्हें "भारत कोकिला" कहा जाता था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं और स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनीं। उनकी कविताएँ ‘गोल्डन थ्रेशहोल्ड’, ‘द बर्ड ऑफ टाइम’ और ‘द स्केप्टर्ड फ्लूट’ आज भी प्रसिद्ध हैं।
सावित्रीबाई फुले
3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के नायगांव में जन्मी सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला। वे जाति और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने वाली महान समाज सुधारक थीं।
सुचेता कृपलानी
सुचेता कृपलानी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने वाली महिला थीं। वे 1963 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं और भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
इन महान महिलाओं के अदम्य साहस और योगदान को नमन करते हुए, हम सभी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।janjaagrukta.com