Science College चौपाटी को Amanaka Overbridge के नीचे किया जा रहा शिफ्ट..
रायपुर स्मार्ट सिटी ने चौपाटी का ठेका लेने वाली एजेंसी को दुकानों को आज रात तक शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। सोमवार को कुछ वेंडरों को पहले ही शिफ्ट किया गया था, और बाकी दुकानों की शिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के साइंस कॉलेज (Science College) मैदान के पास बनाई गई चौपाटी अब बंद की जा रही है और इसे आमानाका ओवरब्रिज (Amanaka Overbridge) के नीचे शिफ्ट किया जा रहा है। रायपुर स्मार्ट सिटी ने चौपाटी का ठेका लेने वाली एजेंसी को दुकानों को आज रात तक शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। सोमवार को कुछ वेंडरों को पहले ही शिफ्ट किया गया था, और बाकी दुकानों की शिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है।
यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब चौपाटी का निर्माण चल रहा था, और भाजपा नेता राजेश मूणत ने इस पर अनिश्चितकालीन आंदोलन किया था। दुकानों को हटाने के खिलाफ मामला हाई कोर्ट तक गया था, जिसके बाद रायपुर स्मार्ट सिटी ने फरवरी में चौपाटी का ठेका लेने वाली एजेंसी, गुरु हरकिशन होटल एंड रिसार्ट का ठेका रद्द कर दिया था। एजेंसी ने कोर्ट में अपील की थी, और सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को मिलकर एक समाधान निकालने का आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश के बाद दोनों पक्षों ने यह तय किया कि साइंस कॉलेज चौपाटी का स्थान ट्रैफिक, बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई के माहौल को ध्यान में रखते हुए आमानाका वेंडिंग जोन में शिफ्ट किया जाएगा, जहां सभी सुविधाएं वही होंगी जो साइंस कॉलेज में थीं। इस शर्त पर ठेका एजेंसी शिफ्टिंग के लिए सहमत हुई।
चौपाटी के वेंडरों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें शनिवार को आमानाका ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन वहां कोई सुविधाएं नहीं हैं। बिजली, पानी जैसी सुविधाएं न होने के कारण वे परेशान हैं। सोमवार को चार वेंडरों को शिफ्ट किया गया और बाकी को मंगलवार तक का समय दिया गया है। अगर वे शिफ्ट नहीं करते तो निगम द्वारा जबरदस्ती शिफ्ट किया जाएगा।
राजेश मूणत ने किया था विरोध
रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय ने कांग्रेस सरकार के दौरान साइंस कॉलेज चौपाटी का प्रस्ताव पास करवाया था और वेंडरों को दुकानें आवंटित की थीं। उनका कहना था कि सड़क पर ठेले लगाने से जीई रोड पर जाम लगता था, जबकि पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने इसका विरोध किया था।