ऐसा पहली बार : भव्य स्वागत.. पापुआ न्यू गिनी के पीएम मारपे ने छुए पीएम मोदी के पैर
यह किसी भारतीय पीएम का पहला पापुआ न्यू गिनी दौरा है। एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन सोमवार को होगा जहां पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।

पापुआ न्यू गिनी, जनजागरुकता डेस्क। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी जापान की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद रविवार को एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। पापुआ न्यू गिनी में शाम ढलने के बाद राष्ट्रध्यक्षों को पारंपरिक स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के मामले में पापुआ न्यू गिनी ने अपनी परंपरा को बदल दिया है। इस दौरान उनका पारंपरिक नृत्य से स्वागत किया गया। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारपे भी मौजूद थे। पीएम जेम्स मारपे ने पीएम मोदी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
पापुआ न्यू गिनी का यह पीएम मोदी का पहला और भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। इस वजह से भी यह दौरा बेहद खास है। उनका विमान मोरेस्बी (जैक्सन) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उतरा। इस दौरान उनका पारंपरिक नृत्य से स्वागत किया गया। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारपे ने पीएम मोदी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। जवाब में पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया।
पीएम मोदी के स्वागत में पापुआ न्यू गिनी ने बदली परंपरा
सामान्य तौर पर पापुआ न्यू गिनी में शाम ढलने के बाद राष्ट्रध्यक्षों को पारंपरिक स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के मामले में पापुआ न्यू गिनी ने अपनी परंपरा को बदल दिया है। पीएम मोदी के पापुआ न्यू गिनी पहुंचने पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ पारंपरिक स्वागत किया गया। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री खुद एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए पहुंचे। इसके बाद पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
बैठक में 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे
यह सम्मेलन पापुआ न्यू गिनी में होगा और इसमें हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के 14 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह बैठक सोमवार को होगी। साल 2014 में पीएम मोदी ने ही फिजी में एफआईपीआईसी की शुरुआत की थी।
बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी का पापुआ न्यू गिनी का दौरा बेहद अहम है। पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी में फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आइलैंड कॉपरेशन सम्मेलन की तीसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। चीन हिंद और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। अब भारत ने भी चीन को उसके पड़ोस में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत भारत हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है।