विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा : कलेक्टर ने देखी रथ निर्माण के कारीगरों की व्यवस्था
कलेक्टर दयाराम के. ने रथ निर्माण की गतिविधियों का जायजा लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जगदलपुर, जनजागरुकता। कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि बस्तर दशहरा के रथ निर्माण में लगे ग्रामीण कारीगरों की सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे दशहरा समिति के अधिकारियों को रथ निर्माण की आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के साथ-साथ कारीगरों के आवास, पेयजल, भोजन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही सिरहासार भवन के पास उपलब्ध करवाई गई मोबाइल मेडिकल यूनिट में रथ कारीगरों का स्वास्थ्य जांच करवाने के निर्देश दिए।
समय सीमा में पूर्ण हो रथ
इस दौरान उन्होंने कारीगरों से चर्चा कर आवासीय, भोजन और अन्य आवश्यकताओं के संंबंध में संज्ञान लिया। कलेक्टर ने रथ निर्माण की गतिविधियों का जायजा लेकर तय समय सीमा में रथ को पूर्ण करने पर जोर दिया। इस अवसर पर तहसीलदार व दशहरा समिति के सचिव यूके मानकर, तहसीलदार अर्जुन श्रीवासत्व उपस्थित थे।
पूजा के साथ रथ का निर्माण जारी
रियासत कालीन बस्तर दशहरा पर्व की तैयारी चल रही है। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा का सबसे बड़ा आकर्षण इस दौरान चलने वाले विशालकाय दुमंजिला रथ का निर्माण शुरु हो गया है। इससे पहले परंपरानुसार रथ निर्माण के ग्रामीण कारीगर रथ निर्माण के लिए लाई गई लकड़ी एवं औजारों की पूजा की गई। एक बकरे की बलि भी दी गई। इस रस्म को स्थानीय बोली में बारसी उतरानी रस्म कहा जाता है।
फाइल फोटो।
15 अक्टूबर तक रथ हो जाएगा तैयार
बारसी उतरानी रस्म में पारम्परिक रूप से रथ बनाने वाले प्रमुख कारीगर दलपति और कवल के नेतृत्व में झार उमरगांव और बेड़ा उमरगांव के कारीगरों ने पूजा-अर्चना कर निर्विघ्न रथ निर्माण कार्य की प्रार्थना की गई। इस वर्ष चार पहियों वाला रथ के लिए वन विभाग द्वारा लगभग 70 घन मीटर लकड़ी नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। नवनिर्मित रथ का निर्माण 15 अक्टूबर तक तैयार करना नियत है।
16 अक्टूबर को मां का छत्र रथारूढ़ होगा
राजस्व विभाग के अर्जुन श्रीवास्तव ने बताया कि रथ निर्माण का कार्य बेड़ा उमरगांव और झारउमरगांव के कारीगरों ने शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर तक रथ बनकर तैयार हो जाएगा। 16 अक्टूबर से नवनिर्मित रथ में मां दंतेश्वरी के छत्र को रथारूढ़ कर परिक्रमा की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा।