अमरनाथ यात्रा- मौतों का आंकड़ा पहुंचा 36, शनिवार को 2 की गई जान
ऊंचाई पर आक्सिजन की सांद्रता कम हो जाती है। अधिकारियों ने बताया अधिकतर मौतें अधिक ऊंचाई पर होने वाली बीमारी के कारण हुई, जिसके चलते ऑक्सीजन की कमी हुई और उसकी हृदय गति रुक गई।
जम्मू-कश्मीर, जनजागरुकता। विश्व की प्रसिद्ध श्रद्धा यात्रा, अमरनाथ गुफा तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। हजारों की संख्या में दर्शनार्थी अमरनाथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं। यात्रियों का आंकड़ा 3 लाख से उपर पहुंच चुका है। वहीं इस यात्रा में दुखद घटना भी सामने आ रही है। अब तक तीन दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। हाल ही में दो और की जान चली गई।
जानकारी अनुसार अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) की चढ़ाई काफी कठिन है। लोग कठिनाइयों का सामना करते हुए अमरनाथ गुफा तक पहुंचते हैं। शनिवार, 22 जुलाई को फिर घटना हो गई। 2 यात्रियों की मौत जानकारी मिली है, जिससे दक्षिण कश्मीर हिमालय में इस साल की तीर्थयात्रा के दौरान जान गंवाने वालों की संख्या 36 हो गई।
शनिवार को जिन दो यात्रियों की मौत हुई है उनकी पहचान फतेह लाल मनारिया जिसकी पवित्र गुफा में मृत्यु हुई है। वहीं 60 वर्षीय मांगी लाल जिसकी बालटाल आधार शिविर में मृत्यु हुई है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों तीर्थयात्री राजस्थान के थे। अब तक 3,07,354 तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं, जबकि खराब मौसम के बावजूद शुक्रवार, 21 जुलाई को 13,797 यात्री पवित्र गुफा के अंदर गए।
ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत
मौतों की घटना मामले पर अधिकारियों ने कहा, कि 5 लोगों की जान जाने में से 4 पहलगाम मार्ग पर हुई, जबकि एक की बालटाल मार्ग पर हुई। पीड़ितों में एक आईटीबीपी अधिकारी भी शामिल है, जिसकी ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। पीड़ित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से थे। अधिकारियों ने कहा कि इनमें से अधिकतर मौतें अधिक ऊंचाई पर होने वाली बीमारी के कारण हुई, जिसके चलते ऑक्सीजन की कमी हुई और उसके बाद हृदय गति रुक गई।
जंक फूड पर प्रतिबंध
बता दें कि अमरनाथ गुफा मंदिर समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर है। इन कारणों से, अधिकारियों ने यात्रियों के लिए स्थापित मुफ्त रसोई (लंगर) में सभी जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है। विशेषज्ञों ने कहा है कि ऊंचाई पर स्थित स्थानों में ऑक्सीजन की कम सांद्रता के साथ दुर्लभ हवा होती है। इसके साथ ही थकावट और अस्वस्थ फेफड़े अक्सर मृत्यु का कारण बनते हैं।
ये चीजों के उपयोग व बेचने पर प्रतिबंध
इस साल की 62 दिवसीय लंबी यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई, 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ समाप्त होगी। बता दें कि पराठे, पूड़ी, मिठाई और कोल्ड ड्रिंक समेत सभी हलवाई आइटम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यात्रा के आधार और पारगमन शिविरों के अंदर और आसपास सिगरेट की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
3,475 यात्रियों का एक और जत्था रवाना
जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से शनिवार को 3,475 यात्रियों का एक और जत्था सुरक्षा काफिले के साथ रवाना हुआ। अधिकारियों ने कहा, “इनमें से 2,731 पुरुष, 663 महिलाएं, 12 बच्चे, 63 साधु, तीन साध्वियां और तीन ट्रांसजेंडर शामिल हैं।”
यात्रा के समय इनका ध्यान रखें
अमरनाथ यात्रा में कम उम्र के बच्चों और और 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को न ले जाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही गर्म कपड़े, वॉटरप्रूफ ट्रेकिंग शूज, रेनकोट भी ले जाना स्वास्थ्य के लिए अच्चा रहता है।