क्या भुईंया पोर्टल पूरी तरह लचर? विस अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद राजस्व मंत्री का आश्वासन—जल्द होगी ठोस कार्रवाई

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भुईंया पोर्टल की खामियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि इसे किसानों को परेशान करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि 35% डेटा गलत एंट्री किया गया है, जिससे किसान और आम नागरिक परेशान हो रहे हैं।

क्या भुईंया पोर्टल पूरी तरह लचर? विस अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद राजस्व मंत्री का आश्वासन—जल्द होगी ठोस कार्रवाई
क्या भुईंया पोर्टल पूरी तरह लचर? विस अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद राजस्व मंत्री का आश्वासन—जल्द होगी ठोस कार्रवाई

छत्तीसगढ़, जनजागरुकता। विधानसभा में आज राजस्व मामलों में हो रही देरी और भुईंया पोर्टल की खामियों को लेकर जोरदार बहस हुई। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर, कांग्रेस विधायक उमेश पटेल और शकुंतला पोर्ते ने इस मुद्दे को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत उठाया।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भुईंया पोर्टल की खामियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि इसे किसानों को परेशान करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि 35% डेटा गलत एंट्री किया गया है, जिससे किसान और आम नागरिक परेशान हो रहे हैं।

राजस्व मंत्री का जवाब:

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि भू-अभिलेखों में त्रुटि सुधार का अधिकार एसडीएम और तहसीलदार को दिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने इसे केवल एसडीएम तक सीमित कर दिया था, लेकिन अब तहसीलदार को भी यह अधिकार दे दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में 1,49,479 राजस्व मामले अभी भी लंबित हैं।

लोक सेवा गारंटी अधिनियम के पालन पर सवाल:

चंद्राकर ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग की विफलता पर सवाल उठाया और पूछा कि अधिनियम का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है। इस पर मंत्री वर्मा ने कहा कि लंबित मामलों की संख्या बढ़ी है और बजट सत्र के बाद "राजस्व पखवाड़ा" चलाकर मामलों का निपटारा किया जाएगा।

भुईंया पोर्टल की खामियों पर तीखी बहस:

अजय चंद्राकर ने सरकार से पूछा कि भुईंया पोर्टल में होने वाली त्रुटियां कौन ठीक करेगा? इस पर राजस्व मंत्री ने जवाब दिया कि पोर्टल का संचालन एनआईसी (NIC) करता है और त्रुटि सुधार के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त हैं। चंद्राकर ने आरोप लगाया कि पोर्टल में सुधार की समय सीमा सात दिन तय की गई है, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी गलतियां सुधारी नहीं जा रही हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा, "क्या भुईंया पोर्टल भगवान भरोसे चल रहा है?"

स्पीकर रमन सिंह का हस्तक्षेप:

भाजपा विधायक के सवालों के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप किया और राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि लंबित मामलों को सुलझाने के लिए स्पष्ट कार्ययोजना बनाई जाए। इसके जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस विधायक उमेश पटेल का आरोप:

कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि किसानों की अपील के बावजूद राजस्व मामलों में कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक साल से अधिक समय से लंबित मामलों के कारण किसान और आम लोग तहसील कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने एक मामला उजागर करते हुए कहा कि अकलतरा में एक व्यक्ति ने तहसील कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते खुदकुशी तक की कोशिश कर ली।

निष्कर्ष:

विधानसभा में राजस्व मामलों को लेकर सरकार की लचर कार्यप्रणाली पर जमकर सवाल उठाए गए। स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद राजस्व मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इन मामलों के निपटारे के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।janjaagrukta.com