पेपर ऐसा हो कि जिसके हाथ में जाए उसे वह प्रभावित कर दे- कुलपति डॉ. शुक्ला
डीबी गर्ल्स कॉलेज रायपुर में रिसर्च मैथडालॉजी को बढ़ावा देने मंगलवार 22 अगस्त से कार्यशाला शुरू हुई। देशभर से शोधार्थी एवं प्राध्यापक पहुंचे हैं।

रायपुर, जनजागरुकता। शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय में रिसर्च मैथडालॉजी को बढ़ावा देने के लिए सात दिवसीय रिसर्च मैथडालॉजी कोर्स को प्रोत्साहित करने मंगलवार 22 अगस्त से कार्यशाला की शुरूआत हुई। यहां देशभर से शोधार्थी व मार्गदर्शक भागीदारी दे रहे हैं। अतिथि वक्ता अपने विचार रख रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा, रिसर्च के लिए दो बातों का होना आवश्यक है- खोज एवं नवाचार। वहीं रिसर्च में धैर्य जरूरी है। डॉ. शुक्ला ने आगे कहा अनुभव और विस्तार चर्चा से होती है। रिसर्च क़्वालिटी का आशय यह है कि, जिसके हाथ में पेपर जाये उसे वह प्रभावित करे, उसे परिपक्व बना दे।
रिसर्च की जर्नी दर्शन से प्रारंभ हो- डॉ. तपस दलपति
कार्यशाला के प्रथम दिवस विषय विशेषज्ञ के रूप में गुजरात विश्वविद्यालय से प्राध्यापक डॉ. तपस दलपति ने कहा- साइंस में रिसर्च मैथडालॉजी की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ती? साइंस में फ़ार्मूला है इसलिए रिसर्च मैथडालॉजी आवश्यक नहीं है। लेकिन सोशल साइंस रिसर्च के चार स्तंभ हैं- तत्व मीमांसा, ज्ञान मीमांसा, मैथडालॉजी, राइटिंग। उन्होंने कहा रिसर्च की जर्नी दर्शन से प्रारंभ होनी चाहिए।
पीएचडी मौखिकी के लिए कॉलेज हो सेंटर- प्राचार्य डॉ. गजपाल
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि, महाविद्यालय अभी बी++ में है, लेकिन सतत प्रयास कर रहे हैं जिससे ग्रेड में विकास हो। उन्होंने कुलपति को महाविद्यालय की विस्तृत जानकारी दी। वहीं महाविद्यालय में चल रहे प्रोग्राम से रुबरु कराया। डॉ. गजपाल ने कहा कि पीएचडी मौखिकी के लिए महाविद्यालय को सेंटर चुना जाए। जानकारी दी कि पूर्व में महाविद्यालय में ही पीएचडी की मौखिकी होती रही है। उन्होंने कहा यह सुविधा हमारे शोधार्थियों के लिए बहुत सुविधाजनक होगी।
कई प्रान्तों से 84 प्रतिभागी शामिल
डॉ. अजित हुंदैत ने उद्घाटन सत्र पर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय एवं विभिन्न प्रान्तों से 84 प्रतिभागी सम्मिलित हुए हैं। इस अवसर का लाभ उठाने महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं शोधार्थी शामिल हो रहे हैं। महाविद्यालय के साइकोलॉजी विभाग से डॉ. उषा किरण अग्रवाल, डॉ. हुडैत को-कार्डिनेटर हैं।
इन्होंने किया संचालन
डॉ. सविता मिश्रा ने जानकारी दी कि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यशाला का संयोजक प्राध्यापक मनोविज्ञान विभाग डॉ. उषाकिरण अग्रवाल, सह- संयोजक डॉ. अजित हुंदैत प्राध्यापक जीव विज्ञान ने कार्यक्रम के प्रथम दिवस का संचालन किए।