कर्नाटक सीएम कौन होगा? डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया, फैसला आज शाम तक
आठ बार के विधायक रहे वोक्कालिगा समुदाय के डीके शिवकुमार, कांग्रेस हाईकमान ने किया मंथन शुरु।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत के बाद कर्नाटक की सीएम कौन बनेगा, इसको लेकर जोड़तोड़ शुरु हो गई है। सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दौड़ में सबसे आगे है। लेकिन सीएम की कुर्सी कौन संभालेगा इसका फैसला रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक तय हो जाएगा। कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए मंथन शुरु कर दिया है। आठ बार के विधायक रहे डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो लिंगायतों के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है। वे छात्र जीवन से ही शिवकुमार कांग्रेस की राजनीति कर रहे है।
कांग्रेस एमपी सुरेश ने जताई अपने भाई शिवकुमार को सीएम बनाने की ईच्छा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब लोगों में इस बात का उत्साह है कि पार्टी सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच किसे चुनेगी? इसी बीच डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस एमपी डीके सुरेश ने अपने भाई को सीएम बनाने पर ईच्छा जताई है। उन्होंने महज 27 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ा था।
शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक
उन्होंने कहा कि अगर डीके शिवकुमार को सीएम बनाया जाता है तो वह बेहद खुश होंगे। कांग्रेस विधानसभा दल ने रविवार को बेंगलुरु में साढ़े पांच बजे विधायकों की मीटिंग रखी है, जिसमें सभी विधायक राज्य के नए सीएम के लिए अपना वोट देंगे।
कर्नाटक को बेहतर बनाने की दिशा में मिलकर काम करेंगे- डीके शिवकुमार
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस की जीत के बाद डीके शिवकुमार ने कहा- "मैं पार्टी के इस जीत का श्रेय पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को देता हूं। लोगों ने हम पर भरोसा जताया और नेताओं ने हम लोगों का समर्थन किया। हम सामूहिक लीडरशिप में एकसाथ मिलकर काम करेंगे। मैने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा था कि कर्नाटक को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे।"
कुर्बा समुदाय का प्रतिनिधित्व करते है पूर्व सीएम सिद्धारमैया
कर्नाटक की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी कुर्बा समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले सिद्धारमैया ने 2013 में सीएम पद के लिए मल्लिकार्जुन खरगे को पछाड़ा था। 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रहे सिद्धारमैया ने 2006 में जेडीएस का साथ छोड़कर कांग्रेस से जुड़े थे। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धारमैया ने घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी चुनावी साल होगा।