Assembly : तेलीबांधा से वीआईपी रोड सौंदर्यीकरण की होगी जांच

जिस पर PWD मंत्री अरुण साव ने संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच की घोषणा सदन में की है।

Assembly : तेलीबांधा से वीआईपी रोड सौंदर्यीकरण की होगी जांच

रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज तीसरा दिन है। सदन में प्रश्नकाल के दौरान तेलीबांधा से VIP रोड सौंदर्यीकरण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा। जिस पर PWD मंत्री अरुण साव ने संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच की घोषणा सदन में की है।

विधायक धर्मजीत सिंह ने जल जीवन मिशन के कामों को लेकर सवाल किया। मंत्री अरुण साव ने बताया कि हम काम कर रहे हैं। धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी यही मामला है कि पानी टंकी बनाने के लिए जगह नहीं मिलती। अरुण साव कहा कि शिकायतें लगातार मिल रही थी, अच्छा और समय पर काम हो सरकार सुनिश्चित करेगी।

2 करोड़ रुपए के अवैध टेंडर के मामले को बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में उठाया। उन्होंने कहा- देश में पहली बार जादू से सड़क बन गई। इस सड़क से मुख्यमंत्री की, नेताओं की, अफ़सरों की गाड़ियां चलती हैं। वह कौन सा आदमी है, जिसके जादू के प्रभाव में इधर-उधर सभी है। अजय चंद्राकर ने पूछा- नेशनल हाईवे पर रोड बना रहे थे। इससे पहले क्या अनुमति ली गई थी।

7 मामलों में 35 अधिकारियों को पाया दोषी

विधानसभा में मरवाही वनमंडल के अंतर्गत अनियमितता का मामला उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने मरवाही वनमंडल के अंतर्गत अनियमितता का मामला उठाते हुए कहा, लिखित जवाब में कहा गया है कि 72 प्रकरण जांच के लिये लंबित है। लगभग 40 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप है। ये मेहरबानी किसके लिये है। पुराने मुख्यमंत्री के लिए या नये मुख्यमंत्री के लिए है? या किसी और के लिये है?वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा- ये पूरा मामला हमारे संज्ञान में आया है। सभी मामलों में जल्द से जल्द जांच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी। महंत ने कहा, 2020 में सिर्फ छह शिकायतों की बात हुई थी। तब कहा गया था कि 15 दिनों में जांच कर ली जाएगी। इस प्रकरण में विभाग के अधिकारी उत्तरदायी हैं। जि़म्मेदार कौन है? मेहरबानी किसके लिये की जा रही है।वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा, 79 मामले सामने आये थे। सात मामलों में जांच प्रक्रियाधीन हैं। बाक़ी 72 मामलों में जांच आने वाले छह महीनों के भीतर कर ली जाएगी। 7 मामलों में 35 अधिकारियों को दोषी पाया गया है। janjaagrukta.com